कोटद्वार , अक्टूबर 31 -- उत्तराखंड के पौड़ी जिले में पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया तथा एक सदस्य को जयपुर से गिरफ्तार किया है।
मुकदमा दर्ज होने के नाम पर डिजिटल अरेस्ट कर महिला के साथ की गई थी 10 लाख रुपये ऑनलाइन साइबर ठगी। अभियुक्त को गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम को एसएसपी पौड़ी द्वारा दिया गया 5,000 का ईनाम दिया गया।
बताया जाता है कि गत 13 अगस्त को वादनी मजूँ बाला, निवासी सिताबपुर, कोटद्वार द्वारा कोतवाली कोटद्वार में एक शिकायत दर्ज कराई गई। वादीनी ने अपने प्रार्थना पत्र में बताया कि गत आठ जुलाई को उनके मोबाइल फोन पर व्हाट्सएप के माध्यम से एक अज्ञात कॉल प्राप्त हुई। कॉल करने वाले व्यक्ति ने स्वयं को 'अभिषेक शेख' निवासी कोलाबा, मुंबई बताया। उक्त व्यक्ति ने अपने को एयरटेल कस्टमर सर्विस का अधिकारी बताते हुए कहा कि आपके आधार कार्ड अवैध गतिविधि में लिप्त होने के कारण आपके खिलाफ कॉल बॉम्बिंग से संबंधित मुकदमा दर्ज है।
ठग की बातों में आकर पीड़िता ने अपनी 10,00,000/- की एफ.डी. तोड़कर वह रकम यूनियन बैंक कोटद्वारr से ठग द्वारा बताए गए खाते संख्या 095427000000162 में ट्रांसफर कर दी। इसके बाद ठग ने कुछ दिनों तक पीड़िता को झूठे आश्वासनों में उलझाए रखा।
जब लगातार संपर्क नहीं हुआ और पीड़िता को धोखाधड़ी का आभास हुआ तो उन्होंने तत्काल कोतवाली कोटद्वार में इसकी सूचना दी। शिकायत के आधार पर कोतवाली कोटद्वार में मु0अ0सं0-202/2025, धारा- 318(4) बीएनएस के तहत अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार द्वारा पीड़िता की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए अभियुक्त की शीघ्र गिरफ्तारी एवं ठगी का खुलासा करने के लिए तत्काल प्रभाव से कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए गए। उक्त निर्देशों के अनुपालन में चन्द्रमोहन सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार, क्षेत्राधिकारी कोटद्वार निहारिका सेमवाल के पर्यवेक्षण में तथा प्रभारी निरीक्षक कोटद्वार के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस टीम एवं साइबर सर्विलांस टीम गठित की गई।
गठित पुलिस टीम द्वारा अथक प्रयासों, तकनीकी विश्लेषण, कॉल डिटेल्स, बैंक ट्रांजैक्शन की ट्रेसिंग तथा डिजिटल लोकेशन सर्विलांस के माध्यम से प्रकरण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ एकत्र की गईं।
पुलिस एवं साइबर सेल कोटद्वार टीम ने लगातार कई दिनों तक गहन पतारसी, तकनीकी निगरानी तथा इंटर-स्टेट कॉर्डिनेशन के माध्यम से साक्ष्य संकलित करते हुए ठगी में संलिप्त नेटवर्क का खुलासा किया। जांच के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि यह एक संगठित साइबर ठगी गैंग है जो 'डिजिटल अरेस्ट' के नाम पर देशभर में लोगों को ठगने की गतिविधियों में सक्रिय है।
इसी गैंग का एक प्रमुख सदस्य तनवीर अय्यूब अतार, निवासी- महाराष्ट्र (उम्र 50 वर्ष) की संलिप्तता की पुष्टि हुई जिसके पश्चात पुलिस टीम द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए अभियुक्त को जयपुर (राजस्थान) से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारशुदा अभियुक्त को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश कर आवश्यक वैधानिक कार्रवाई की जा रही है साथ ही उक्त प्रकरण में संलिप्त गिरोह के अन्य सदस्यों के संबंध में पुलिस टीम द्वारा आवश्यक जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही अभियुक्त को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी द्वारा पांच हजार का ईनाम दिया गया।
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