नयी दिल्ली, सितंबर 27 -- होटल और रेस्त्रां संचालकों के एक संगठन ने सरकार से 7,500 रुपये से महंगे कमरों और होटलों में सर्व किये जाने वाले खाने पर भी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर घटाकर पांच प्रतिशत करने की मांग की है।

भारतीय होटल एवं रेस्त्रां महासंघ (एफएचआरएआई) की शनिवार को हुई 69वीं आम बैठक में सुरेंद्र कुमार जायसवाल को अध्यक्ष चुना गया। उन्होंने बाद में आयोजित एक प्रेस वार्ता में बताया कि संगठन ने सरकार से 7,500 रुपये से महंगे होटलों को भी पांच प्रतिशत जीएसटी स्लैब में लाने की मांग की है। साथ ही होटलों में स्थित रेस्त्रां को भी 18 प्रतिशत के स्लैब से निकालकर पांच प्रतिशत के दायरे में लाने की भी संगठन मांग कर रहा है।

उल्लेखनीय है कि जीएसटी परिषद ने 22 सितंबर से लागू बदलावों में 7,500 रुपये तक दैनिक किराये वाले होटल के कमरों को 12 प्रतिशत के स्लैब से हटाकर पांच प्रतिशत के स्लैब में रखा है। हालांकि इसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा नहीं किया जा सकेगा।

श्री अग्रवाल ने कहा कि महासंघ सरकार से मांग कर रहा है कि होटलों में किसी आयोजन के मौकों पर बजने वाले या प्रस्तुत संगीत के कॉपी राइट का मुद्दा भी हल करे। इस पर सरकार से बात चल रही है। उन्होंने कहा कि इसका पैसा उपयोगकर्ता से लिया जाना चाहिये।

होटलों में फायर सेफ्टी के बारे में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि इस संबंध में फेडरेशन सरकार को एक प्रस्ताव देने वाला है। फेडरेशन चाहता है कि सरकार हर होटल के लिए अग्निशमन विभाग की टीम नियुक्त करे, होटल मालिक उसका खर्च वहन करने के लिए तैयार है। टीम नियमित रूप से निरीक्षण करें और जहां भी खामी हो बताये, लेकिन कोई अनहोनी होने पर इसके लिए होटल मालिकों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिये।

सेवा शुल्क (सर्विस चार्ज) के बारे में पूछे जाने पर श्री अग्रवाल ने कहा कि 98 प्रतिशत होटल अब सर्विस चार्ज नहीं ले रहे हैं। साथ ही जहां सेवा शुल्क लिया जा रहा है, वहां भी उसे वैकल्पिक रखा गया है।

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