शिमला , अक्टूबर 16 -- हिमाचल प्रदेश सरकार को वाइल्डफ्लावर हॉल संपत्ति मामले में बड़ी कानूनी जीत मिली है। अब मशोबरा रिज़ॉर्ट लिमिटेड (एमआरएल) को इस संपत्ति से 401 करोड़ रुपये मिलेंगे और राज्य सरकार कंपनी की 'एकमात्र स्वामी' बन गई है।
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने हाल ही दिए फैसले में कहा कि राज्य सरकार अब इस एमआरएल कंपनी का बैंक बैलेंस, शेयरहोल्डिंग और पूंजी अग्रिम का 50 प्रतिशत हिस्सा अपने नाम कर सकेगी। फैसले के अनुसार, लगभग 320 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस राज्य सरकार को मिलेगा। साथ ही 25 करोड़ रुपये की राशि और ईस्ट इंडिया होटल्स (ईआईएच) की पूरी शेयरहोल्डिंग राज्य सरकार को 13 करोड़ रुपये के बदले मिलेगी। साथ ही ईआईएच की जमा 136 करोड़ रुपये की पूंजी अग्रिम राशि में से केवल आधे यानी 68 करोड़ रुपये कंपनी को लौटाए जाएंगे। इससे राज्य को 68 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ होगा।
गौरतलब है कि कंपनी एमआरएल, ईस्ट इंडिया होटल्स और राज्य सरकार का संयुक्त उपक्रम थी और इसे होटल वाइल्डफ्लावर हॉल के संचालन का काम सौंपा गया।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यह विवाद लगभग 30 वर्षों से अदालत में लंबित था लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के विशेष हस्तक्षेप और प्रयासों से यह सफलता मिली।
इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने 20 फरवरी 2024 को अपने आदेश में वाइल्डफ्लावर हॉल का सम्पूर्ण स्वामित्व और कब्जा राज्य सरकार को सौंप दिया था। इस फैसले के बाद सरकार ने 31 मार्च 2025 को संपत्ति का अधिग्रहण किया।
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