शिमला/मंडी , दिसंबर 26 -- हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार को एम्बुलेंस कर्मियों के वेतन और दूसरी मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने और शिमला के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों के सामूहिक अवकाश के कारण मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
सीटू से संबद्ध एम्बुलेंस वर्कर्स यूनियन के आह्वान पर राज्य भर के करीब 1,300 कर्मचारी कल आधी रात से हड़ताल पर हैं। मंडी जिले में ही 50 एम्बुलेंस और बाइक एम्बुलेंस सेवाओं के पहिए थम गए हैं। यूनियन का आरोप है कि कर्मियों को न्यूनतम वेतन से कम भुगतान किया जा रहा है और 12-12 घंटे काम कराने के बावजूद ओवरटाइम या छुट्टियों का लाभ नहीं मिल रहा। सीटू नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं और दमनकारी कार्रवाई की गई, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं।
दूसरी ओर, शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) अस्पताल में डॉक्टरों के सामूहिक अवकाश पर जाने के कारण चिकित्सा व्यवस्था बेदम हो गई। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार को लगभग 100 पूर्व-निर्धारित सर्जरी टालनी पड़ीं। ये लोग डॉक्टर राघव नरुला की बर्खास्तगी के खिलाफ हिमाचल मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन के बैनर तले रेजिडेंट डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
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