शिमला/चंडीगढ़ , दिसंबर 25 -- केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सहायक निदेशक विशाल दीप और उनके भाई विकास दीप के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया है, जबकि ईडी हिमाचल प्रदेश में 600 करोड़ रुपये के एससी/एसटी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले में कार्रवाई कर रही है।
सीबीआई ने गुरुवार को कहा कि 21 अगस्त, 2025 को दोनों भाइयों की एक मार्च, 2024 से 31 दिसंबर, 2024 के बीच की आय और व्यय की जांच के लिए प्रारंभिक जांच शुरू की गयी तो इस अवधि के दौरान, उनकी संयुक्त संपत्ति उनकी ज्ञात आय के स्रोतों की तुलना में कथित रूप से 231.48 प्रतिशत बढ़ी हुई थी।
सीबीआई के अनुसार, उनकी अनुमानित आय 40.28 लाख रुपये थी, जबकि उनका खर्च 98.29 लाख रुपये से अधिक था। नौ महीनों में उनकी संपत्ति लगभग 9.20 लाख रुपये से बढ़कर 44.44 लाख रुपये हो गई।
उनके खिलाफ 23 दिसंबर, 2025 को औपचारिक मामला दर्ज किया गया। आय से अधिक संपत्ति का यह मामला हिमाचल प्रदेश छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़ा है, जिसमें विशाल दीप कथित अनियमितताओं की जांच कर रहे थे। उन पर आरोपियों को गिरफ्तारी की धमकी देने और 2.5 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है।
शिकायत के आधार पर सीबीआई ने 25 दिसंबर 2024 को जाल बिछाया। अभियान के दौरान विशाल दीप भाग निकला, जबकि उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में विशाल दीप को भी गिरफ्तार किया गया।
इस मामले में कथित संलिप्तता के आरोप में सीबीआई के एक उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) को भी गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया। आरोपियों ने आरोप लगाया है कि इसमें सीबीआई के कुछ अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त थे और ईडी की जांच के दायरे में आए कुछ शिक्षण संस्थानों की मदद कर रहे थे।
हालांकि, कई शिक्षण संस्थानों ने आगे आकर विशाल दीप के साथ-साथ कुछ अन्य ईडी अधिकारियों और निजी व्यक्तियों पर भी गलत काम करने का आरोप लगाया।
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