लाहलारी , अक्टूबर 2 -- हिमाचल प्रदेश के निचले इलाकों के किसान गेहूं, मक्का और धान के साथ-साथ बेमौसमी सब्जियों और नकदी फसलों की खेती करके लाखों रुपये कमा रहे हैं।

हमीरपुर शहर के निकट लाहलारी गांव के सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य कमलेश कुमार पटियाल ने विभिन्न सरकारी योजनाओं के सहयोग से सब्जी की खेती में सफलता हासिल कर एक मिसाल कायम की है।

श्री पटियाल ने सेवानिवृत्ति के बाद पारंपरिक फसलों से नकदी फसलों की खेती करना शुरू किया। उन्होंने कृषि विभाग, जायका (जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी) परियोजना और बागवानी विभाग की सहायता से मुख्यमंत्री कृषि संरक्षण योजना के तहत अपनी जमीन की बाड़बंदी की, जिस पर उन्हें 80 प्रतिशत अनुदान प्राप्त हुआ।

उन्होंने लगभग 2.5 लाख रुपये खर्च किए और कृषि विभाग ने उन्हें लगभग 12 लाख रुपये का अनुदान दिया। उन्हें सिंचाई के लिए एक बोरवेल के लिए 1.52 लाख रुपये का अनुदान भी मिला।

वर्तमान में उन्हें बागवानी विभाग से सब्जी के बीज और अन्य फसलों के लिए 50 प्रतिशत अनुदान मिल रहा है। इसके अलावा गांव के अन्य किसानों के साथ उन्हें जायका परियोजना के तहत सिंचाई सुविधाएं भी मिल रही हैं।

श्री पटियाल वर्तमान में अपने खेतों में विभिन्न मौसमों में करेला, भिंडी, अरबी, कद्दू, लौकी, तुरई, खीरा, बैंगन, मिर्च, रामतोरी और टमाटर जैसी सब्जियां उगाते हैं।

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