चंबा , अक्टूबर 18 -- हिमाचल प्रदेश के बागवानी विभाग और कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) के अधिकारियों को कमीशन एजेंट संगठनों के साथ बातचीत करने को कहा गया है, ताकि सेब और अन्य फल उत्पादकों के हितों की पूरी तरह से रक्षा सुनिश्चित की जा सके।

चुराह विधानसभा क्षेत्र के तीसा में एक जागरूकता शिविर की अध्यक्षता करते हुए राज्य के बागवानी एवं लोक शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने शनिवार को कहा कि सरकार बागवानों को उचित मूल्य और फल विपणन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने अधिकारियों से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत वितरित पौधों की गुणवत्ता की गारंटी देने और विभाग द्वारा निरीक्षण के बाद ही पौधों की आपूर्ति करने को कहा है।

श्री नेगी ने बागवानों को आधुनिक और गहन कृषि तकनीक अपनाने और पौधों की मांग सूची विभाग को पहले ही जमा करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने अधिकारियों को नियमित रूप से जागरूकता शिविर आयोजित करने के भी निर्देश दिये और लोगों से वन अधिकार अधिनियम के तहत लाभ उठाने का आग्रह किया।

स्थानीय कांग्रेस नेता यशवंत सिंह खन्ना ने नागरिक अस्पताल तीसा और राजस्व विभाग में रिक्त पदों को भरने सहित विभिन्न स्थानीय मांगें उठायीं। उद्यान उप निदेशक डॉ प्रमोद शाह ने प्रतिभागियों को विभागीय योजनाओं और उन्नत बागवानी पद्धतियों की जानकारी दी।

श्री नेगी ने फलों के व्यापार में बाजार सुधारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहरायी, जिसमें सार्वभौमिक कार्टन प्रणाली का कार्यान्वयन और सेबों की बिक्री वज़न के आधार पर करना शामिल है। चंबा ज़िला सेब और विभिन्न गुठलीदार फलों के उत्पादन के लिए जाना जाता है।

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