शिमला , नवंबर 06 -- हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने परवाणू-सोलन-कैथलीघाट-शिमला फोर-लेन परियोजना में देरी और उसके खराब रखरखाव के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को कड़ी फटकार लगाई है।

मुख्य न्यायाधीश जीएस संधावालिया और न्यायमूर्ति जिया लाल भारद्वाज की पीठ ने राज्य सरकार और एनएचएआई को लंबित सुधार और ढलान संरक्षण कार्यों को 10 दिनों के भीतर पूरा करने का निर्देश देते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो सांवरा टोल प्लाजा पर टोल वसूली पर प्रतिबंध जारी रहेगा।

पीठ ने जोर दिया कि सड़कों को और अधिक नुकसान से बचाने के लिए नालियों का रखरखाव और पहाड़ी ढलानों से मलबा हटाना जरूरी है।

अदालत ने कहा कि एनएचएआई का निर्माण कार्य पूरा होने के दावे के बावजूद परियोजना में छह साल से अधिक की देरी हुई है। कंडाघाट, दत्यार और चक्की के पास अभी भी दयनीय स्थिति में हैं और जिससे यात्रियों को कठिनाई हो रही है।

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