हमीरपुर , अक्टूबर 12 -- हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर ज़िले में प्रगतिशील किसान राजेंद्र कुमार ने विदेशी फल 'ड्रैगन फ्रूट' की सफल बागवानी करके काश्तकारों को खेती से अधिक मुनाफा कमाने की नई राह दिखाई है।

श्री कुमार ने अपनी कड़ी मेहनत और दूरदृष्टि रखने वाली सोच से साबित कर दिया है कि हमीरपुर जैसे कम ऊंचाई और कम नमी वाले इलाकों में भी फलों की खेती शानदार परिणाम दे सकती है।

राज्य सरकार बागवानी विभाग के जरिए यहां आम, अमरूद और खट्टे फलों की खेती को बढ़ावा देती आ रही है। विभाग अब अन्य फलों की खेती की संभावनाएं तलाश रहा है। इसके लिए विभाग ने ज़िले के कुछ प्रगतिशील किसानों की पहचान की है जो बागवानी कृषि में कुछ नया करने का जुनून रखते हैं।

जिले के भोरंज उपमंडल के पपलाह गाँव के राजेंद्र कुमार भी ऐसे प्रगतिशील किसान हैं। उन्होंने अपनी लगभग पांच कनाल ज़मीन पर 'ड्रैगन फ्रूट' का बाग़ लगाया और नर्सरी भी बनाई। यहां के बागवानी विभाग के अधिकारी भी राजेंद्र कुमार की इस दिशा में मदद करते हैं। उनकी कोशिश है कि इस विदेशी फल के बाग को दूसरे किसानों के लिए एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया जाए ताकि अन्य किसान भी दूसरे और नए फलों की खेती को अपनाएं।

राजेंद्र कुमार ने कुछ साल पहले यूट्यूब पर 'ड्रैगन फ्रूट' के बारे में जाना और तब उनकी इसकी खेती में रुचि पैदा हुई। उन्होंने यूट्यूब पर और जानकारी जुटाई और प्रशिक्षण के लिए महाराष्ट्र गए। इसके बाद, उन्होंने अपने खेत में 'ड्रैगन फ्रूट' का बाग लगाने की कोशिशें शुरु कर दीं। उनको बागवानी विभाग से लगभग 29,160 रुपये की सब्सिडी भी मिली।

कुमार ने बाग में 216 खास तरह के खंभे लगाए और हर एक खंभे पर चार पौधे लगाए। इस प्रकार, उनके बाग में अब कुल 864 पौधे हैं, और इनमें से कुछ पौधों ने इस मौसम में अपनी पहली फसल दे दी है। दरअसल 'ड्रैगन फ्रूट' को फलने फूलने के लिए खंभे के सहारे की जरूरत पड़ती है।

राजेंद्र कुमार ने बताया कि उनके बाग में शुरुआती दौर में ही लगभग पांच क्विंटल फल मिल चुके हैं। उन्होंने बताया कि बाजार में इस फल की कीमत आसानी से 200 से 250 रुपये प्रति किलोग्राम मिल जाती है। उन्होंने बताया कि बाग में एक खंभा खड़ा करने और उस पर चार पौधे लगाने में 2,000 से 2,500 रुपये तक का खर्च आता है।

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