लखनऊ, सितम्बर 25 -- इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने कई मुकदमों की फाइलों में दाखिल किए जाने वाले पन्नों में लाल थूक लगे होने पर सख्त रुख अपनाया है।
कोर्ट ने कहा ऐसे गंदे व घृणास्पद चलन से संपर्क में आने वालों में संक्रमण फैलाने का खतरा बढ़ता है। अदालत ने सीनियर रजिस्ट्रार, रजिस्ट्री अनुभाग के प्रभारी समेत शासकीय अधिवक्ता(जी ए)और मुख्य स्थायी अधिवक्ता(सी एस सी) को भी अपने दफ्तर में ऐसे थूक लगे गंदे पन्नों वाली पत्रावलियों को स्वीकार न करने के निर्देश दिए हैं।
न्यायमूर्ति श्रीप्रकाश सिंह की एकल पीठ ने यह आदेश बहराइच जिले की कृष्णावती की याचिका पर सुनवाई के समय दिया। इसमें, संपत्ति अटैच करने के मामले में महसी तहसील के एस डी एम एवं निगरानी अदालत के आदेशों को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने मामले में पक्षकारों को नोटिस जारी कर चुनौती दिए गए आदेशों पर अगली सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी। अगली सुनवाई 27 अक्तूबर से शुरू होने वाले सप्ताह में होगी।
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