हल्द्वानी , दिसंबर 15 -- उत्तराखंड में नैनीताल जिले के हल्द्वानी तहसील क्षेत्र में पिछले पांच वर्षों के दौरान बनाए गए जाति और स्थायी निवास प्रमाण पत्रों की गहन जांच के दौरान अब तक 89 प्रमाण पत्र अपूर्ण और संदिग्ध पाए जाने पर निरस्त कर दिए गए हैं। इनमें बड़ी संख्या में निवास प्रमाण पत्रों के साथ-साथ जाति प्रमाण पत्र भी शामिल हैं।
दरअसल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा राज्य में जनसांख्यकीय बदलाव से जुड़े मामलों के सामने आने के बाद सभी जिलों को पिछले पांच वर्षों में जारी प्रमाण पत्रों की गहन जांच के निर्देश दिए गए थे। इसी क्रम में हल्द्वानी परगना क्षेत्र में एक विशेष जांच समिति का गठन किया गया है।
समिति द्वारा अब तक 2000 से अधिक प्रमाण पत्रों की प्रारंभिक जांच की जा चुकी है। जांच में कई मामलों में दस्तावेज अधूरे पाए गए, जबकि कुछ प्रमाण पत्रों में तथ्यों में गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। ऐसे सभी मामलों में नियमों के तहत कार्रवाई करते हुए 89 प्रमाण पत्रों को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है।
प्रशासन का कहना है कि जांच का दायरा आगे भी बढ़ाया जाएगा और शेष प्रमाण पत्रों की भी बारीकी से पड़ताल की जा रही है। यदि आगे भी कोई प्रमाण पत्र संदिग्ध या नियमों के विपरीत पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मामले में उपजिलाधिकारी (एसडीएम) हल्द्वानी राहुल शाह ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में जारी जाति और निवास प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में 89 प्रमाण पत्र अपूर्ण एवं संदिग्ध पाए गए, जिन्हें निरस्त किया गया है। जांच प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित