नयी दिल्ली/हल्द्वानी , दिसंबर 02 -- उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण के मामले में मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई नहीं हो पायी। अब शीर्ष अदालत इस प्रकरण में आगामी 09 दिसंबर को अंतिम (फाइनल) सुनवाई करेगी।

हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण के बहुचर्चित मामले में आज शीर्ष अदालत में फाइनल सुनवाई होनी थी लेकिन आज इस प्रकरण में सुनवाई नहीं हो सकी। अब इस प्रकरण को आगामी 09 दिसंबर को सुनवाई के लिये अधिसूचित किया गया है।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 में उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने रविशंकर जोशी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए रेलवे की भूमि से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिये थे। इस आदेश को अब्दुल मतीन सिद्दीकी समेत अन्य लोगों ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी।

कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद जैसे कद्दावर अधिवक्ताओं की ओर से पीड़ित पक्षों की ओर से पैरवी की जा रही है। आज इस प्रकरण में अंतिम सुनवाई होनी सुनिश्चित थी लेकिन यह प्रकरण निर्धारित समय तक सुनवाई के लिये नहीं आ पाया।

रेलवे की ओर से उच्च न्यायालय के आदेश पर अतिक्रमित भूमि पर 4365 घरों को चिह्नित किया गया है। उसका कहना है कि उसे रेल सेवा के विस्तार के लिये 30 हेक्टेअर भूमि की आवश्यकता है और भूमि नहीं मिलने से रेल सेवाओं का विस्तार नहीं हो पा रहा है।

दूसरी ओर से जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की ओर से उच्चतम न्यायालय में फाइनल सुनवाई को देखते हुए हल्द्वानी में पिछले दो दिन से अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की गयी है। बनभूलपुरा क्षेत्र को सुरक्षा के लिहाज से छावनी में बदल दिया गया।

एहतियात के तौर पर कुमाऊं के विभिन्न जिलों से पुलिस बल हल्द्वानी में तैनात किया गया है। देहरादून से भी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी इस प्रकरण पर पूरी नजर बनाये हुए हैं।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डाॅ. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि लगभग 400 से अधिक पुलिस बल तैनात किया गया है। उपद्रव की आशंका के चलते कल देर रात को पुलिस ने 23 लोगों को हिरासत में ले लिया था। कुछ लोगों को नोटिस भी जारी किया गया है। हालांकि पुलिस प्रशासन की ओर से इससे पहले शांति बैठक भी बुलाई गयी थी और उच्चतम न्यायालय के निर्णय को शांतिपूर्वक आत्मसात् करने की बात कही गयी थी।

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