रोहतक , अक्टूबर 03 -- केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि मोदी सरकार देश में सहकारिता क्षेत्र की एक मजबूत बुनियाद रख रही है और वर्ष 2029 तक देश भर में हर पंचायत में कम से कम एक सहकारी समिति का गठन करने का लक्ष्य पूरा किया जाएगा।

श्री शाह ने हरियाणा के रोहतक में सहकारी क्षेत्र के साबर डेयरी संयंत्र का लोकार्पण करने के बाद एक समारोह को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि दूसरी श्वेत क्रांति के लिए देश भर में 75 हजार दुग्ध सहकारी समितियां बनाने का लक्ष्य है।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अलग सहकारिता मंत्रालय के गठन की दशकों पुरानी मांग को पूरा किया है। पिछले चार वर्ष में सभी राज्य सरकारों के साथ मिल कर इस मंत्रालय ने देश भर में सहकारिता की नींव मजबूत करने का काम किया है।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वर्ष 2029 तक देश की एक भी पंचायत ऐसी नहीं रहेगी, जहां एक भी सहकारिता समिति न हो। कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर और केन्द्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

रोहतक में स्थापित साबर डेयरी संयंत्र 350 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित देश का सबसे बड़ा दही, दूध और मिठाई संयंत्र है। इसमें प्रतिदिन 150 टन दही, 10 टन योगर्ट, तीन लाख लीटर छाछ और 10 हज़ार किलो मिठाई बनाने बनाने की क्षमता है। सहकारिता मंत्री ने कहा कि साबर का यह संयंत्र डेयरी किसानों की समृद्धि का माध्यम बनेगा।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि श्वेत क्रांति 2.0 के तहत आने वाले दिनों में देशभर में 75 हज़ार से अधिक डेयरी समितियों की स्थापना होगी और सरकार 46 हज़ार डेयरी कोऑपरेटिव समितियों को मज़बूत भी करेगी।एक साल में ही लगभग 33 हज़ार सहकारी समितियों को पंजीकृत कर दिया गया है।

श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में देश का डेयरी सेक्टर दुनिया में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाला सेक्टर बन गया है और 11 साल में इस क्षेत्र की क्षमता 70 प्रतिशत बढ़ी है। देश के आठ करोड़ किसान डेयरी सेक्टर से जुड़ गए हैं। आज देश की दुग्ध प्रसंस्करण की क्षमता 660 लाख लीटर प्रतिदिन है, जिसे 2028-29 में एक हजार लाख लीटर प्रतिदिन तक पहुँचाना हैउन्होंने कहा कि मोदी सरकार डेयरी संयंत्र निर्माण और उससे जुड़े अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में तीन गुना तेजी लाकर इस क्षेत्र को आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ाने में मदद कर रही है।

उन्होंने कहा कि इस संयंत्र के चालू होने से हरियाणा से ही पूरे दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की दुग्ध उत्पादों की जरूरत पूरी होगी। साबर डेयरी ने गुजरात के साबरकांठा जिले से शुरूआत कर नौ राज्यों के दुग्ध उत्पादकों के लिए बहुत बड़े मौके का सृजन किया है।

श्री शाह ने कहा कि गुजरात में त्रिभुवन भाई, भूरा भाई और गलबा भाई ने डेयरियों की नींव रखी और आज कोऑपरेटिव डेयरी के माध्यम से गुजरात की 35 लाख बहनें सालाना 85 हज़ार करोड़ रुपए का व्यापार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि आज साबर डेयरी राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश और बिहार के किसानों की सेवा कर रही है।

श्री शाह ने कहा कि अमूल के नेतृत्व में गुजरात में आधुनिक प्रजनन तकनीकों - भ्रूण स्थानांतरण औऱ लिंग निर्धारण - पर काफी वैज्ञानिक काम हुआ है। ये दोनों तकनीकें हरियाणा के पशुपालकों को भी उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ मधुमक्खी पालन औऱ जैविक खेती को भी राज्य में बढ़ावा देने की ज़रूरत है। गुजरात में गोबर गैस के लिए कई अच्छे प्रयोग हुए हैं और हरियाणा में भी इन प्रयोगों को लागू करने की जरूरत है।

पिछले 11 साल में डेयरी क्षेत्र के तीव्र विकास पर प्रकाश डालते हुए सहकारिता मंत्री ने कहा कि 2014-15 में भारत में दूध देने वाले पशुओं की संख्या 8.6 करोड़ थी जो अब बढ़कर 11.2 करोड़ हो गई है। इसी प्रकार, दुग्ध उत्पादन 14.6 करोड़ टन से बढ़कर 23.9 करोड़ टन हो गया है।

उन्होंने कहा कि इसी दौरान देसी नस्ल की गाय के दूध का उत्पादन 2.9 करोड़ टन से बढ़कर पांच करोड़ टन तक पहुंच गया है। श्री शाह ने कहा कि आज भारत के लगभग आठ करोड़ किसान डेयरी क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत में दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता को 124 ग्राम से बढ़ाकर 471 ग्राम करने का काम हमारे देश के किसानों ने किया है। पिछले 11 साल में भारत के डेयरी सेक्टर में कई बदलाव हुए हैं और इसके कारण हमारे किसान समृद्ध हुए हैं।

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