चंडीगढ़ , अक्टूबर 08 -- हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में तीन दिवसीय जापान दौरा राज्य के औद्योगिक, कृषि और तकनीकी विकास के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ है। इस उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के दौरान लगभग पांच हजार करोड़ रुपये के निवेश की संभावनाएं बनी हैं, जिससे राज्य के विकास का एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है।

मुख्यमंत्री सैनी ने अपने पहले विदेशी दौरे के रूप में जापान को चुना। यह वही देश है जिसने 1980 के दशक में गुरुग्राम में मारुति उद्योग के माध्यम से भारत में निवेश की शुरुआत की थी। हरियाणा लंबे समय से जापानी कंपनियों के लिए एक पसंदीदा निवेश गंतव्य रहा है। राज्य की निवेशक हितैषी नीतियों, मजबूत बुनियादी ढांचे और पारदर्शी शासन व्यवस्था ने विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है।

इस यात्रा के दौरान श्री सैनी और प्रतिनिधिमंडल ने जापान की कई प्रमुख कंपनियों जैसे एआईएसआईएन, एयर वाटर, टीएएसआई, नम्बूब, डेंसो, सोजित्ज़, निसिन, कावाकिन, डाइकिन और टोप्पन के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। इन बैठकों के परिणामस्वरूप 10 समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए, जिनकी कुल राशि 4400 करोड़ रुपये से अधिक है। इन निवेशों से हरियाणा में हजारों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे।

मुख्यमंत्री सैनी ने अपने बजट अभिभाषण में जिन 10 नए औद्योगिक मॉडल टाउनशिप की घोषणा की थी, उनमें से एक को पूरी तरह जापानी कंपनियों के सहयोग से विकसित करने की दिशा में ठोस कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री ने निवेशकों को हरियाणा में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि राज्य में "मिनी जापान सिटी" के रूप में एक नया औद्योगिक केंद्र स्थापित किया जाएगा।

दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने ओसाका स्थित कुबोटा ट्रैक्टर प्लांट का भी दौरा किया। कुबोटा कंपनी ने हरियाणा में दो हजार करोड़ रुपये से अधिक निवेश करने का प्रस्ताव दिया है। मुख्यमंत्री का मानना है कि राज्य के मेहनती किसानों की लगन और जापान की उन्नत तकनीक का मेल कृषि क्षेत्र में नई ऊंचाइयां तय करेगा।

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