चंडीगढ़ , दिसंबर 08 -- हरियाणा में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) सीधी भर्ती समेत विभिन्न मांगें पूरी न होने के विरोध में सरकारी डॉक्टर सोमवार और मंगलवार को को दो दिन की हड़ताल पर हैं। हड़ताल का असर आज कई सरकारी अस्पतालों में दिखने लगा। पंचकूला सिविल अस्पताल में सुबह नौ बजे ओपीडी शुरू होने के बावजूद कई डॉक्टर अपने केबिन से नदारद रहे, जिससे मरीजों को लंबी लाइनों में इंतज़ार करना पड़ा।

मुलाना मेडिकल कॉलेज से आए दो डॉक्टरों की मदद से मेडिसिन ओपीडी किसी तरह चलाई गई। सोनीपत और बहादुरगढ़ में भी डॉक्टरों के केबिन खाली मिले। बहादुरगढ़ निवासी ममता अपने बेटे का इलाज कराने पहुंचीं लेकिन एक्स-रे न होने से उन्हें लौटना पड़ा।

उधर, यमुनानगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. जितेंद्र ने दावा किया कि जिले में हड़ताल पूरी तरह विफल रही। उन्होंने बताया कि मेडिकल सेवाएं बिना किसी बाधा के चल रही हैं। मरीजों को परेशानी न हो, इसके लिए मुलाना से अतिरिक्त डॉक्टर बुलाए गए हैं। ओपीडी, ऑपरेशन थिएटर, आपातकालीन और पोस्टमॉर्टम सभी सेवाएं सुचारू रूप से जारी हैं। कुरुक्षेत्र और कैथल में भी हड़ताल का कोई असर नहीं दिखा।

वहीं, हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के राज्य प्रधान डॉ. राजेश ख्यालिया ने कहा कि जब तक सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) की मांग पूरी नहीं होती, तब तक हड़ताल वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता। यदि सरकार नहीं मानी, तो 10 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी जाएगी।

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