चंडीगढ़, सितंबर 27 -- कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि जब मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल के माध्यम से सरकार के पास पैदा होने वाली फसलों का पूरा विवरण क्षेत्रफल सहित मौजूद है तो उसी हिसाब से डीएपी खाद का प्रबंध कर गांव में पैक्स पर ही वितरण करना चाहिए। इससे किसानों को खाद के लिए शहरों में आकर दिन-रात कतार में नहीं लगना पड़ेगा।

कुमारी सैलजा ने कहा कि मौजूदा हालात यह हैं कि प्रदेश में किसान गेहूं की बिजाई के लिए डीएपी खाद को लेकर धक्के खा रहा है, जबकि कालाबाजारी में खाद आसानी से उपलब्ध है। सरकारी एजेंसियां आधार कार्ड पर एक किसान को केवल चार बैग खाद दे रही हैं और बाकी ब्लैक में खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द किसान हित में उचित कदम उठाने चाहिए।

सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हर जिले में डीएपी और यूरिया की कमी को लेकर किसानों में भारी रोष है और वे विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जबकि कृषि मंत्री स्थिति को सामान्य बताते हुए आपूर्ति सुनिश्चित करने का दावा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को दावों के बजाय धरातल पर उतरकर खाद का वितरण करना चाहिए, ताकि किसानों को समय पर पर्याप्त खाद मिल सके और उनकी फसलें प्रभावित न हों।

उन्होंने बताया कि अधिकतर जिलों से कालाबाजारी की शिकायतें आ रही हैं, जिससे किसान महंगी दरों पर खाद खरीदने को मजबूर हैं। कई जगह किसानों को घंटों लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ता है, यहां तक कि महिलाएं भी सुबह से लाइन में लगती हैं। किसान चिंता जता रहे हैं कि समय पर खाद न मिलने से बिजाई प्रभावित होगी और फसलें खराब हो सकती हैं।

सांसद ने कहा कि किसानों को उनकी ज़रूरत के मुताबिक खाद नहीं मिल रही है और कई जगह कूपन न मिलने की वजह से भी परेशानी है। आधार कार्ड पर खाद वितरण से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि उस व्यक्ति के नाम पर खेती है या नहीं। सरकार के पास जब किसान की जमीन और फसल का पूरा ब्यौरा है तो उसी के अनुसार खाद का प्रबंध होना चाहिए।

कुमारी सैलजा ने मांग की कि किसानों को उनके ही गांव में पैक्स के माध्यम से खाद वितरित की जाए और कालाबाजारी करने वालों पर सख्त अंकुश लगाया जाए। उन्होंने कहा कि गेहूं की बिजाई के लिए इस समय किसानों को सबसे ज्यादा डीएपी खाद की जरूरत है और कांग्रेस इस मुद्दे पर किसानों के साथ खड़ी है।

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