नयी दिल्ली , दिसंबर 19 -- विश्व सनातन महापीठ की ओर से हरिद्वार में निर्माणाधीन 'सनातन संसद भवन' में वेद मंदिर- वेदागार और गुरुकुल तथा प्रशिक्षण केंद्र जैसी कई सुविधाएं होंगी। यह जानकारी संस्था के प्रतिनिधियों ने यहां शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में दी।

आयोजकों ने कहा कि हरिद्वार की पावन भूमि पर 100 एकड़ क्षेत्र में 1000 करोड़ रुपये की लागत से संसार का सबसे बड़ा 'विश्व सनातन महापीठ' विकसित किया जा रहा है। उनके अनुसार यह सनातन चेतना, धर्म, साधना, शिक्षा और सेवा को एक संगठित करने का प्रयास है और वहां से धार्मिक और आध्यात्मिक आदेश भी पारित किये जाएंगे। इस महाप्रकल्प का नेतृत्व तीर्थाचार्य राम विशाल दास महाराज कर रहे हैं, जो तीर्थ सेवा न्यास के अध्यक्ष एवं विश्व सनातन महापीठ के पीठाधीश्वर हैं।

संवाददाता सम्मेलन में राम विशाल दास महाराज के गुरु बाबा हठयोगी महाराज ने कहा, "सनातन चेतना को संगठित और सशक्त रूप में आगे बढ़ाने के लिए यह एक ऐतिहासिक और आवश्यक संकल्प है।" संस्था के प्रतिनिधियों ने बताया कि महापीठ का निर्माण कार्य वर्ष वर्ष 2032 तक चरणबद्ध रूप से पूर्ण किए जाने का लक्ष्य है।

वहां गुरुकुल एवं प्रशिक्षण केंद्र , 108 यज्ञशालाएँ और 108 संत निवास ,1008 भक्त एवं यात्री आवास, देसी गौसंरक्षण केंद्र, सनातन समय संग्रहालय, विशाल धर्मसभा मैदान (लगभग 10,000 की क्षमता) और 108 तीर्थ स्थलों का प्रतीकात्मक परिक्रमा पथ का निर्माण किया जाएगा।

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