नयी दिल्ली/बर्लिन , अक्टूबर 24 -- केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारत कोई भी व्यापार समझौता किसी दबाव या जल्दबाजी में नहीं करेगा और ऐसे समझौतों में ऐसी शर्त नहीं मानेगा जो उसके व्यापारिक विकल्पों को सीमित करती हैं।

बर्लिन ग्लोबल डायलॉग में चर्चा के दौरान श्री गोयल ने कहा कि भारत व्यापार वार्ता में एक "संतुलित दृष्टिकोण" अपनाएगा। उन्होंने कहा कि भारत जानता है कि विकास के लिए वैश्विक बाजार के साथ जुड़ाव जरूरी है, अपने को अलग-थलग रखने का फायदा नहीं है। कोविड के दौरान एक और बात सामने आयी कि आपूर्ति श्रृंखला में भरोसेमंद भागीदारों का होना बहुत जरूरी है।

वाणिज्य मंत्री ने कहा कि 2021 के बाद भारत विकसित और अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं से समझौते करने को प्राथमिकता दे रहा है जो देश के लिए प्रौद्योगिकी और विनिवेश के भी स्राेत हो सकते हैं और एक-दूसरे के सामान के लिए बाजार प्रस्तुत करते हैं।

उन्होंने इसी संदर्भ में ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), चार देशों वाले यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) और अब ब्रिटेन के साथ समझौता किया है। अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ संतुलित और उचित समझौते के लिए बातचीत चल रही है।

इन्ही संदर्भों में उन्होंने कहा कि भारत किसी समय सीमा में बंध कर या बंदूक की नोक पर कोई समझौता नहीं करता। गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि व्यापार समझौते केवल आयात शुल्क या बाजार पहुंच के बारे में नहीं हैं, बल्कि संबंध, विश्वास और वैश्विक व्यापार सहयोग के लिए स्थायी ढांचे के निर्माण के बारे में भी हैं।

उन्होंने कहा, "बहुत ही अल्पकालिक संदर्भ में, यह अगले छह महीनों में क्या होने वाला है, इस बारे में नहीं है। यह सिर्फ अमेरिका को स्टील बेचने की बात नहीं है।"उन्होंने कहा, "व्यापार वार्ता के प्रति भारत का दृष्टिकोण तात्कालिक लक्ष्यों को पूरा करने के दबाव से प्रेरित नहीं है, बल्कि एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण से प्रेरित है। व्यापार समझौते लंबी अवधि के लिए होते हैं।"उन्होंने बर्लिन में लक्ज़मबर्ग के उप-प्रधानमंत्री और विदेश एवं व्यापार मंत्री, जेवियर बेटेल से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं ने आर्थिक संबंधों में प्रगति की समीक्षा की और द्विपक्षीय व्यापार एवं व्यावसायिक संबंधों को मजबूत करने के लिए और संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने भारत की आगामी राजकीय यात्रा के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी चर्चा की।

अपनी जर्मनी यात्रा के दौरान, गोयल ने प्रमुख जर्मन कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ व्यक्तिगत रूप से भी चर्चा की, जिनमें इंफिनियॉन टेक्नोलॉजीज के सीईओ जोचेन हैनबेक, शेफलर ग्रुप के सीईओ क्लॉस रोसेनफेल्ड, रेन्क व्हीकल मोबिलिटी के सीईओ माइकल मसूर, हेरेनक्नेच एजी के सीईओ मार्टिन हेरेनक्नेच, एनरट्रैग के बोर्ड सदस्य टोबियास बिशॉफ-नीम्ज और मर्सिडीज-बेंज के सीईओ ओला कैलेनियस शामिल थे।

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