जयपुर , नवम्बर 28 -- राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है और राजस्थान में भी इस लक्ष्य को ध्यान में रखकर निरंतर विकास कार्य किए जा रहे हैं।
श्री शर्मा शुक्रवार को नयी दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आयोजित फिक्की (फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री) के 98वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि फिक्की सरकार और उद्योग के बीच सेतु का कार्य करते हुए राष्ट्र निर्माण में अमूल्य योगदान दे रहा है। यह मंच भारत की आर्थिक शक्ति का प्रतीक है, जहां नीति-निर्माता, उद्योगपति, निवेशक और उद्यमी एक साथ मिलकर राष्ट्र की प्रगति का खाका तैयार करते हैं। उन्होंने कहा कि राइजिंग राजस्थान सम्मेलन के लिए फिक्की ने यूके, जर्मनी, यूएई, कतर और सऊदी अरब में हुए अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में साझेदारी की है।
उन्होंने कहा कि श्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत वर्तमान में विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। पिछले एक दशक में भारत में अभूतपूर्व परिवर्तन हुए हैं। उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) श्रम सुधार से एक राष्ट्र-एक बाजार की अवधारणा विकसित हुई है। वहीं भारतमाला, सागरमाला, उड़ान जैसी योजनाओं से देशभर में परिवहन व्यवस्थाएं सुदृढ़ की जा रही हैं। मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, यूपीआई के माध्यम से स्वदेशी उत्पाद को बढ़ावा एवं तकनीकी नवाचारों से विकसित भारत 2047 का खाका तैयार हो रहा है।
श्री शर्मा ने कहा कि राजस्थान देश के सबसे बड़े राज्य के रूप में इस राष्ट्रीय यात्रा में निर्णायक भूमिका निभाने के लिए तैयार है। हमारी डबल इंजन सरकार के शासन में राजस्थान विकास की नई ऊंचाइयां छू रहा है। हमारा दृष्टिकोण तीन स्तंभों सुधार, स्थिरता और अवसर पर आधारित है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने अब तक कई महत्वपूर्ण काम किए हैं। राम जलसेतु लिंक परियोजना (ईआरसीपी) के माध्यम से राज्य के 17 जिलों को पेयजल उपलब्ध होगा।
उन्होंने कहा. " राजस्थान अब भारत का नवीकरणीय ऊर्जा पावरहाउस बन कर उभर रहा है। हम सौर ऊर्जा उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर हैं, वहीं पवन ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया में भी अग्रणी हैं।" उन्होंने कहा कि राजस्थान में विभिन्न प्रकार के खनिज के भंडार हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक पांच लाख से भी अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) एवं स्टार्टअप का पंजीकरण किया जा चुका है, जो देशभर में चौथा स्थान रखता है। आई-स्टार्ट कार्यक्रम के तहत सात हजार से अधिक स्टार्टअप पंजीकृत हुए हैं और हजारों की संख्या में रोजगार सृजित हुए हैं।
श्री शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार ने सड़क अवसंरचना के लिए पांच वर्षों की योजना में 60 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है।
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