नयी दिल्ली , नवंबर 28 -- केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिका में भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने के परिप्रेक्ष्य में शुक्रवार को कहा कि व्यापार का हथियार की तरह इस्तेमाल किया गया है।

उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में विश्वसनीय साझेदारों का होना जरूरी है। श्री गोयल यहां उद्योग मंडल फिक्की की 98वीं वार्षिक आम बैठक और वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

वाणिज्य मंत्री ने किसी देश का नाम लिये बिना कहा, "पिछले कुछ समय से हमने व्यापार का हथियार की तरह इस्तेमाल होते देखा है। हमने अनुभव किया है कि दुनिया में विश्वसनीय साझेदारों का होना कितना जरूरी है, उन देशों के साथ काम करना कितना जरूरी है जो निष्पक्ष व्यापार और परस्पर समान अवसर में विश्वास करते हैं।"उन्होंने व्यापार समझौतों को लेकर सरकार की नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत अब विकसित देशों के साथ मुक्त व्यापार संधि (एफटीए) पर काम कर रहा है। ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), ब्रिटेन , चार विकसित यूरोपीय देशों से यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ ( ईएफटीए) के साथ एफटीए पहले ही किया जा चुके हैं। मारीशस के साथ विस्तृत आर्थिक भागीदारी का समझौता किया गया है।

उन्होंने कहा, "इस समय हम दुनिया के लगभग 50 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 14 देशों / देशो के समूहों के साथ बातचीत कर रहे हैं। हमारा ध्यान ऐसे महत्वपूर्ण देशों पर है जहां हम एक-दूसरे के पूरक हैं।"वाणिज्य मंत्री ने बताया कि कनाडा के साथ अगले सप्ताह व्यापार वार्ता शुरू होगी। दोनों देश एक वृहद आर्थिक सहयोग समझौता करने पर विचार कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि इस विषय में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की हाल में दक्षिण अफ्रीका में जी20 शिखर बैठक के दौरान अलग से हुई बातचीत में इस तरह के समझौते की लिए बातचीत करने पर सहमति बनी है।

उन्होंने बताया कि ओमान से बातचीत चल रही है, जबकि बहरीन और कतर भी भारत के साथ वार्ता करना चाहते हैं। जीसीसी (खाड़ी सहयोग परिषद) अपने सभी छह सदस्य देशों के साथ भारत के साथ समझौते के लिए इच्छुक है। न्यूजीलैंड से भी बात चल रही है और साथ ही ऑस्ट्रेलिया के साथ दूसरे चरण के समझौते पर समानांतर चर्चा चल रही है।

उन्होंने बताया कि दक्षिण अफ्रीका और दक्षिणी अफ्रीका के देशों के समूह ने भी वार्ता की इच्छा जतायी है।

श्री गोयल ने आगे कहा कि भारत आसियान और दक्षिण कोरिया के साथ मौजूदा एफटीए की समीक्षा कर रहा है ताकि अधिक संतुलन लाया जा सके। अमेरिका और 27 देशों वाले यूरोपीय संघ के साथ भी व्यापार समझौते के लिए गहन चर्चा चल रही है। हाल ही में यूरेशिया के साथ वार्ता शुरू हुई है । इजराइल के साथ भी बहुत जल्द बातचीत शुरू होगी जिसके पिछले सप्ताह ही वार्ता की रूप रेखा को अंतिम रूप दिया गया है।

मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भरता भारत की विकास गाथा के केंद्र में होगी। यह हमारे डीएनए में है और अब एक सामूहिक मिशन बन चुका है। जब-जब संकट आया भारत की विकास गति बढ़ी है - चाहे पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद दुनिया द्वारा लगाये गये प्रतिबंध हों या कोविड-19 का समय।

श्री गोयल ने साल 2027 में 100 साल पूरे कर रहे फिक्की का शताब्दी लोगो भी जारी किया। उन्होंने उद्योग मंडल से पूरे देश में कौशल केंद्र स्थापित करने का आग्रह किया ताकि युवा प्रतिभाओं को कुशल कार्यबल में परिवर्तित किया जा सके। उन्होंने कहा, "भारत का भविष्य उसके युवाओं पर निर्भर है।"दुनिया के सामने उम्रदराज आबादी के संकट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे पर युवा आबादी का लाभ है। आज के युवा प्रौद्योगिकी को तेजी से अपनाते हैं। एआई के माध्यम से वे कौशल हासिल कर सकते हैं।

फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा कि विश्व-स्तरीय विनिर्माण, साहसिक नवाचार, सशक्त युवा और महिलाओं की पूर्ण भागीदारी मिलकर देश की आत्मनिर्भरता की संरचना तैयार करते हैं। जब ये स्तंभ मजबूत होते हैं, तो भारत केवल बढ़ता नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और उद्देश्य के साथ अग्रणी बनता है।

उन्होंने कॉर्पोरेट जगत से अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) और नवाचार पर खर्च बढ़ाने की अपील करते हुए कहा कि भारत आरएंडडी पर अपने जीडीपी का 0.6 से 0.7 प्रतिशत खर्च करता है। देश को नवाचार सक्षम अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए उद्योग को अनुसंधान एवं विकास में नेतृत्व करना चाहिये। उन्होंने कहा कि देश में 50 प्रतिशत युवा ही रोजगार देने लायक हैं और अभी महज 2.3 प्रतिशत युवा ही कौशल-प्रशिक्ष प्राप्त हैं।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित