बीकानेर , नवम्बर 15 -- राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे ने कहा है कि प्रत्येक संगठन को स्वहित के साथ समाज और देश के हित का विचार रखना चाहिए तथा हम सभी को अपने अधिकारों के साथ कर्त्तव्यों को भी समझना चाहिए।
श्री बागडे शनिवार को बीकानेर के गंगाशहर स्थित आदर्श विद्या मंदिर में भारतीय परिवहन मजदूर संघ के 26वें त्रैवार्षिक अखिल भारतीय अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जो संगठन सिर्फ स्वहित के विचार से काम करता है, उसका अस्तित्व धीरे-धीरे कम हो जाता है। प्रत्येक संगठन को स्वहित के साथ समाज और देश के हित का विचार रखना चाहिए।
उन्होंने मजदूरों को देश के विकास की धुरी बताया। उन्हाेंने कहा कि पिछले लगभग बारह वर्षों में हमने प्रत्येक क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। आर्थिक परिपक्ष्य में भी बड़ा बदलाव आया है। वर्ष 2014 तक हम दुनिया की ग्यारहवीं अर्थव्यवस्था थे। अब बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरते हुए हम चौथे स्थान पर पहुंच चुके हैं। इसमें हमारे श्रमिकों और मजदूरों का बड़ा योगदान है।
राज्यपाल ने कहा कि श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी ने देशभर के मजदूरों को एक किया और 23 जुलाई 1955 को भारतीय मजदूर संघ की स्थापना की। उनका विचार था कि मजदूर अपने आचार, विचार और सभ्यता से पूरी दुनिया को एक कर सकते हैं। उनका कहना था कि देश के सर्वांगीण विकास का सपना साकार करना है, तो स्वदेशी के प्रोत्साहन का कोई विकल्प नहीं है।
उन्होंने कहा कि भारतीय मजदूर संघ आज देश के विविध क्षेत्रों में काम कर रहा है। देश के सबसे ज्यादा मजदूर इस संगठन से जुड़े हैं। प्रत्येक मजदूर श्री ठेंगड़ी जी के सिद्धांतों का अनुसरण करें और राष्ट्रहित में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि यह भौगोलिक विविधताओं वाला प्रदेश है। यहां के नौ जिले जनजातीय बहुल वाले हैं। ये गौभक्तों का प्रदेश है। यहां की सभ्यता और परंपराएं अच्छी हैं। उन्होंने देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये लोगों को बीकानेर के भुजिया और रसगुल्ला के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि यहां के भुजिया और रसगुल्ला दुनिया भर में विशेष पहचान रखते हैं।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित