जौनपुर , नवम्बर 21 -- उत्तर प्रदेश के जौनपुर में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध अशासकीय सहायता-प्राप्त महाविद्यालयों में कार्यरत सैकड़ों स्ववित्तपोषित शोध-निर्देशकों ने शुक्रवार को कुलपति को एक ईमेल पत्र भेजकर स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि यदि 25 नवंबर 2025 तक विश्वविद्यालय वेबसाइट पर पात्र शोध-निर्देशकों की अद्यतन सूची एवं रिक्त शोध सीटों का विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया तो 26 नवंबर को विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार/प्रशासनिक भवन के समक्ष विशाल शांतिपूर्ण धरना आयोजित किया जाएगा।
पत्र की प्रतिलिपि आज ही राज्यपाल एवं कुलाधिपति, उत्तर प्रदेश को भी प्रेषित की गई है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार शिक्षकों का कहना है कि कार्यपरिषद् के स्पष्ट आदेश के बावजूद वर्षों से वे सफलतापूर्वक शोध निर्देशन कर रहे हैं, फिर भी वर्तमान सत्र के पीएचडी प्रवेश विज्ञापन में उनकी वैध रिक्तियाँ प्रदर्शित नहीं की गईं। न ही विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उनकी अद्यतन सूची अपलोड की गई।
उन्होंने कहा कि एक तरफ डीआरसी की तारीख घोषित कर दी गई, ऑनलाइन फॉर्म भरने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है, लेकिन कुलपति कार्यालय, कुलसचिव एवं शोध अनुभाग केवल मौखिक आश्वासन देकर समय निकालते रहे। इसी प्रशासनिक ढिलाई के कारण न केवल शिक्षकों केवैधानिक अधिकारों का हनन हो रहा है, बल्कि सैकड़ों मेधावी शोधार्थियों का भविष्य भी जोखिम में पड़ गया है।
शिक्षक संघ ने विश्वविद्यालय प्रशासन की इस कार्यशैली को "नौकरशाही की पराकाष्ठा" बताते हुए कहा है कि "यदि 25 नवंबर तक सूची जारी नहीं होती, तो 26 नवंबर संविधान दिवस को सुबह 11 बजे से शांतिपूर्ण मगर विशाल धरना शुरू कर दिया जाएगा और इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।"शोध-निर्देशकों ने राज्यपाल एवं कुलाधिपति से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
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