रायपुर, सितंबर 28 -- छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्य प्रवक्ता एवं सांसद संतोष पाण्डेय ने कहा कि भारत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 'आत्मनिर्भर भारत' की ओर तेज़ी से अग्रसर है। हाल के ऐतिहासिक जीएसटी क्रांति और उससे पहले आयकर की दरों में ऐतिहासिक छूट देकर, सभी तरह के कर कानूनों का सरलीकरण कर मोदी ने 'विकसित भारत' की राह को प्रशस्त किया है।

श्री पाण्डेय ने कहा कि नागरिकों को राहत, व्यापार सुगमता, कर सरलीकरण का अंतिम ध्येय भारत को विकसित बना देश के 140 करोड़ नागरिकों का जीवन आसान बना कर, उनके जीवन को संवारने का ध्येय लेकर मोदी काम कर रहे हैं।

श्री पाण्डेय ने रविवार को कुशाभाऊ ठाकरे परिसर स्थित प्रदेश कार्यालय में पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश यह कभी नहीं भूलेगा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना की वैश्विक महामारी के समय सबसे पहले 'आत्मनिर्भर भारत' का मंत्र दिया था। उस समय की भयानक आपदा को भी ऐसा अवसर बना देना, किसी चमत्कारिक नेतृत्व के वश की ही बात है। प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया 'आत्मनिर्भर भारत' का संकल्प सिर्फ एक संकल्प नहीं, बल्कि देशभक्ति की अभिव्यक्ति भी है।

श्री पाण्डेय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के इस मूलमंत्र को अपनाकर पार्टी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किया है। यह अभियान 25 सितंबर पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती से प्रारम्भ हुआ है और 25 दिसंबर को छत्तीसगढ़ निर्माता भारत रत्न श्रद्धेय अटल जी की जयंती तक यह चलेगा। हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी की भावना के साथ इस अभियान को जन-जन तक पहुँचाने के लिए आत्मनिर्भर भारत संकल्प सम्मेलन और आत्मनिर्भर भारत संकल्प रथ यात्रा जैसी कई गतिविधियों की योजना बनाई गई है। इस अभियान का उद्देश्य 'वोकल फॉर लोकल' के संदेश को हर भारतीय तक पहुँचाना है।

उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में स्वदेशी को लेकर जिस तेजी से काम हुआ है, उसका असर सैन्य उपकरणों के निर्यात से लेकर अंतरिक्ष, वैक्सीन हर जगह भारत की बढ़ती धाक में देखा जा सकता है। यदि सिर्फ रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को देखें तो 2014 से पहले जहां हम बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर थे वहीं अब आत्मनिर्भर होते हुए रक्षा निर्यातक बन चुके हैं। भारत का रक्षा निर्यात वित्त वर्ष 2014-15 में 1 हजार 941 करोड़ रूपए से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 23 हजार 622 करोड़ रूपए हो गया है। श्री पाण्डेय ने कहा कि आज हमारे देश ने विश्व के तीसरे सबसे बड़े स्टार्ट अप इको सिस्टम के रूप में स्थापित कर लिया है, जहां 17 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर मिले हैं। भारत में 100 से अधिक यूनिकॉर्न आत्मनिर्भर भारत के संकल्प का प्रतीक हैं। सही अर्थ में प्रधानमंत्री मोदी आत्मनिर्भर भारत के संकल्प से अंत्योदय के उद्देश्य को भी पूरा कर रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत के स्वप्न को पूरा करने के लिए न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन के ध्येय पर चलते हुए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में आर्थिक और नीतिगत सुधारों का जो दौर चल रहा है, उसका सबसे अधिक लाभ गरीब, किसान, महिलाओं, मध्यम वर्ग को मिला है।

श्री पाण्डेय ने कहा कि जीएसटी सुधार लागू होने के बाद जिस तरह का उत्साह देखने को बाज़ारों में मिल रहा है, वह अद्भुत है। बाजार भ्रमण के दौरान देखा गया कि लोगों में जीएसटी 2.0 और स्वदेशी उत्पादों को लेकर विशेष उत्साह है। बाज़ार भ्रमण के दौरान व्यवसायी बंधुओं से भेंट कर उन्हें भी स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का लिए प्रेरित किया गया। सभी आज इस बात पर एकमत हैं कि हम स्वदेश निर्मित उत्पादों से आत्मनिर्भर होकर विकसित भारत का स्वप्न साकार करेंगे। पाण्डेय ने कहा कि वर्तमान में भारत विश्व की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था है। इस दशक के अंत तक हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। छत्तीसगढ़ का जीएसडीपी भी पांच वर्ष में दुगना कर उसे 10 लाख करोड़ करने का लक्ष्य लेकर हम कार्य कर रहे हैं। यह लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक शासन, दूरदर्शी सुधारों से संभव होगा। आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के आदर्शों से प्रेरणा लेते हुए, भारत की संस्कृति, परंपरा और आत्मा को और अधिक सशक्त बनाने का संकल्प है।

उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत 'वोकल फॉर लोकल' के संदेश को जन-जन तक पहुँचाने के लिए पूरे देश में रथ यात्राएं, सम्मेलन, प्रदर्शनी और स्वदेशी मेले आयोजित किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हमारा लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ आत्मनिर्भर भारत का अग्रणी राज्य बने। इसके लिए स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बाज़ार से जोड़ने की रणनीति पर कार्य किया जा रहा है। यहां की समृद्ध संस्कृति, परंपरागत कला, शिल्प और संसाधन आत्मनिर्भरता के सशक्त उदाहरण हैं। पाण्डेय ने कहा कि बस्तर की लोक कला, चांपा का कोसा और जशपुर की कॉफी अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं। महिला स्व-सहायता समूहों ने हर्बल उत्पादों को राष्ट्रीय बाजार तक पहुँचाया है। बस्तर आर्ट, डोकरा, टेराकोटा जैसी कलाएं भारत की सांस्कृतिक आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन रही हैं। जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर हम अपने किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बना रहे हैं। प्रधानमंत्री के आह्वान को आत्मसात कर हर भारतीय गर्व से कहे मैं स्वदेशी खरीदता हूँ, मैं स्वदेशी बेचता हूँ। गर्व से कहो यह स्वदेशी है, यही भावना आत्मनिर्भर भारत का मूल है।

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