मैड्रिड , नवंबर 02 -- स्पेन के विदेश मंत्री जोस मैनुअल अल्बेरेस ने पाँच शताब्दियों पहले उपनिवेशीकरण के दौरान मेक्सिको के मूल निवासियों द्वारा झेले गए कष्ट और अन्याय को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है। स्पेन ने हालांकि औपचारिक रूप से माफी मांगने से परहेज किया है।

स्पेन की मेक्सिको पर औपनिवेशिक विजय की शुरूआत 1519 में शुरू हुई, जब हर्नान कोर्टेस के नेतृत्व में अज़टेक साम्राज्य को उखाड़ फेंकने का अभियान अभियान चलाया गया था। बेहतर हथियारों से लैस विजेताओं ने ज़मीन और संसाधनों पर कब्ज़ा करके मूल निवासियों का सफाया कर दिया। उपनिवेशवादियों ने इस नई दुनिया में सोना और अन्य संसाधनों का जमकर दोहन किया और साथ ही अज़टेक संस्कृति का समूल विनाश कर दिया। जल्द ही वहाँ मंदिरों की जगह चर्चों ने ले ली।

श्री अल्बेरेस ने स्पेन की राजधानी मैड्रिड में मूल मैक्सिकन कला को समर्पित एक प्रदर्शनी के उद्घाटन के दौरान कहा, "अन्याय हुआ था। आज इसे स्वीकार करना और उस पर खेद व्यक्त करना उचित है, क्योंकि यह भी हमारे साझा इतिहास का हिस्सा है और हम इसे न तो नकार सकते हैं और न ही भूल सकते हैं।" उन्होंने उन मूल निवासियों के प्रति दर्द और अन्याय पर ज़ोर देते हुए अपनी संवेदना व्यक्त की।

मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम के अनुरोध पर आयोजित इस कला प्रदर्शनी का शीर्षक 'आधी दुनिया। स्वदेशी मेक्सिको में महिलाएँ' था।

सुश्री शीनबाम ने श्री अल्बरेस की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह पहली बार है जब स्पेनिश सरकार के किसी सदस्य ने किए गए अन्याय पर खेद व्यक्त किया है। उन्होंने इस कदम को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि ऐतिहासिक गलतियों को स्वीकार करने से राष्ट्र कमजोर नहीं होते, बल्कि मजबूत होते हैं।

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