श्रीगंगानगर , दिसम्बर 25 -- राजस्थान के श्रीगंगानगर में गुरुवार को सुबह एक अलग ही आध्यात्मिक माहौल देखने को मिला।
यहां पदमपुर रोड स्थित गुरुद्वारा बाबा दीपसिंह में दयानंद सिटी हार्ट स्कूल के नन्हें-मुन्ने छात्र-छात्राओं ने सिख धर्म के चार साहिबज़ादों की अमर शहादत को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह के समय हुई, जब स्कूल के कई बच्चे अनुशासित कतारों में गुरुद्वारे पहुंचे। बच्चों ने गुरुद्वारा साहिब में प्रवेश करके माथा टेका और अरदास की। इस दौरान उन्होंने चार साहिबज़ादों-बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत की गाथा को स्मरण किया।
गुरुद्वारे के ग्रंथी सरदार जसवीर सिंह ने बच्चों को विस्तार से बताया कि कैसे साहिबज़ादों ने धर्म की रक्षा के लिए असहनीय यातनायें सहीं। बड़े साहिबज़ादों ने युद्ध के मैदान में वीरता दिखाई, जबकि छोटे साहिबज़ादों को ठंडी सर्द रात में सरहिंद की दीवारों में जिंदा चुनवा दिया गया। ये साहिबज़ादे उम्र में भले ही छोटे थे, लेकिन उनकी सोच और संकल्प इतने मजबूत थे कि सिख समुदाय उन्हें 'बाल' के बजाय 'बाबा' कहकर सम्मानित करता है।
ग्रंथी ने बच्चों को वाहेगुरु का सिमरन कराया और जीवन में सच्चाई, निस्वार्थ सेवा और भाईचारे के सिद्धांतों को अपनाने का आह्वान किया। बच्चे पूरी तन्मयता से कथा सुनते रहे और छोटे साहिबज़ादों की दीवार में चुनवाने की दर्दनाक घटना सुनकर कई बच्चे भावुक हो गये। स्कूल की प्रधानाचार्य और अध्यापकों ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम स्कूली शिक्षा को किताबी ज्ञान से आगे ले जाकर व्यावहारिक जीवन मूल्यों से जोड़ते हैं।
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