कोण्डागांव , नवंबर 29 -- छत्तीसगढ़ के कोण्डागांव जिला मुख्यालय में पीएम श्री आत्मानंद विद्यालय परिसर के खेल मैदान पर निर्माणाधीन न्यायालय भवन के प्रस्ताव ने पिछले सप्ताह विद्यार्थियों को सड़कों तक ला दिया था।

छात्रों के इस आंदोलन पर प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट्स के संज्ञान के बाद बिलासपुर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सचिन सिंह राजपूत शुक्रवार को कोण्डागांव पहुंचे। कलेक्ट्रेट परिसर से लगे गांधी वार्ड स्थित विद्यालय मैदान में चल रहे निर्माण के संदर्भ में उन्होंने जिला अधिवक्ता संघ, स्थानीय नागरिकों, विद्यालय प्रबंधन और न्यायिक अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की।

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सचिन सिंह राजपूत के दौरे के बारे कोंडागांव बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक सिंह ठाकुर ने बताया कि न्यायालय भवन निर्माण के दौरे को लेकर जस्टिस राजपूत ने कहा कि सार्वजनिक सरोकारों, स्थान की व्यावहारिकता और सामुदायिक उपयोग की जरूरतों का निष्पक्ष मूल्यांकन न्यायिक प्रक्रिया का अहम हिस्सा है। विद्यालय परिसर में निर्माण का विरोध करने वाले छात्रों के तर्कों और स्थानीय जनमत का उल्लेख रिपोर्ट्स में प्रमुखता से सामने आया था, जिसके आधार पर न्यायालय ने स्थल निरीक्षण को आवश्यक माना।

न्यायाधीश राजपूत ने कलेक्ट्रेट परिसर की उपलब्ध भूमि का भौतिक अवलोकन किया। निरीक्षण में यह तथ्य सामने आया कि न्यायालय परिसर के लिए प्रस्तावित भूमि कुल मिलाकर 5 एकड़ से भी कम है, जहाँ आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप बहु-कक्षीय, सर्व-सुविधायुक्त न्यायालय भवन और संबद्ध अवसंरचना का समावेशन व्यावहारिक चुनौती पेश करता है। खेल मैदान के सीमित होने और उसके विद्यालयी-सामुदायिक उपयोग को देखते हुए उन्होंने इसे न्यायालय निर्माण के दीर्घकालिक दृष्टिकोण से उपयुक्त नहीं माना।

स्थल निरीक्षण के बाद उन्होंने मंडी प्रांगण के पीछे स्थित रिक्त सरकारी भूमि को न्यायालय भवन के लिए अधिक अनुकूल बताते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश किरण चतुर्वेदी को तत्काल वैकल्पिक भूमि आवंटन प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नई भूमि पर न्यायालय निर्माण के लिए आवश्यक प्रक्रियाएं नियमों के अनुरूप शीघ्र प्रारंभ की जाएं, ताकि अवरोध रहित न्यायिक अधोसंरचना विकसित हो सके।

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