नयी दिल्ली , नवम्बर 27 -- प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने कहा है कि संघ लोक सेवा आयोग ने पिछले सौ वर्षों में योग्यता, निष्पक्षता और सत्य निष्ठा को बनाए रखते हुए देश के सबसे सम्मानित संस्थानों में अपनी पहचान बनाई है। डा.मिश्रा ने गुरुवार को आयोग के शताब्दी सम्मेलन को संबोधित करते हुए इसे संविधान के निर्माताओं की दूरदृष्टि और उन मार्गदर्शकों को श्रद्धांजलि बताया जिन्होंने आयोग को उसके प्रारंभिक वर्षों में दिशा दी। उन्होंने कहा कि संस्थान ने पिछले वर्षों में योग्यता, निष्पक्षता और सत्य निष्ठा को बनाए रखते हुए सम्मानित संस्थानों में अपनी जगह बनाई है। उन्होंने कहा कि आयोग के अध्यक्षों, सदस्यों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने चुनौतियों के बावजूद संस्थान की निष्पक्षता और योग्यता के सिद्धांतों को बरकरार रखा है।

उन्होंने आयोग की लंबी यात्रा, इसके पूर्ववर्ती आयोग और सिविल सेवाओं की बदलती भूमिका का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सिविल सेवाओं की जिम्मेदारियां समय के साथ कानून-व्यवस्था से विकास, प्रौद्योगिकी, जलवायु चुनौतियों और आपदा प्रबंधन तक विस्तृत हुई हैं।

डा. मिश्रा ने कहा कि देश 'विकसित भारत 2047' के महत्वपूर्ण दौर में प्रवेश कर रहा है और सिविल सेवकों को जटिलता का प्रबंधन, तकनीकी बदलाव, क्षमता-आधारित विकास और वैश्विक प्रतिभा प्रतिस्पर्धा जैसे पहलुओं के लिए तैयार रहना होगा। इसके लिए आयोग को ऐसे उम्मीदवार चुनने चाहिए जिनमें निर्णय-क्षमता, लचीलापन और आजीवन सीखने की क्षमता हो।

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