नयी दिल्ली , नवंबर 17 -- श्री अरविंद पनगढ़िया की अध्यक्षता वाले 16वें वित्त आयोग ने सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।

इस मौके पर श्री पनगढ़िया के साथ आयोग के सदस्य ऐनी जॉर्ज मैथ्यू, मनोज पांडा, टी. रबी शंकर और सौम्या कांति घोष तथा आयोग के सचिव ऋत्विक पाण्डेय भी मौजूद थे। आयोग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर उन्हें भी रिपोर्ट की एक प्रति सौंपी।

ये सिफारिशें 2026-31 के लिए हैं। राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 280 के खंड (1) के अनुरूप 31 दिसंबर 2023 को 16वें वित्त आयोग का गठन किया था।

वित्त आयोग एक संवैधानिक निकाय है जिसका गठन हर पांच साल पर किया जाता है। इसका मुख्य काम केंद्र और राज्य सरकारों के बीच करों और वित्तीय संसाधनों के वितरण की सिफारिश करना है। आयोग अपनी सिफारिशें तैयार करते समय सभी राज्यों और विशेषज्ञों से भी परामर्श करता है। इसकी सिफारिशें बाध्यकारी नहीं होती हैं, लेकिन सरकारें मौटे तौर पर इसकी सिफारिशों के आधार पर फैसले करती हैं।

सोलहवें वित्त आयोग ने अपने कार्यकाल के दौरान संघ और राज्यों के वित्त का विस्तार से विश्लेषण किया और संघ, राज्य सरकारों, विभिन्न स्तरों पर स्थानीय सरकारों, पिछले वित्त आयोगों के अध्यक्षों और सदस्यों, प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों, बहुपक्षीय संस्थानों, आयोग की सलाहकार परिषद और अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद रिपोर्ट तैयार की है। यह रिपोर्ट दो खंडों में तैयार की गई है जिसमें खंड-1 में आयोग की सिफारिशें और खंड-2 में अनुलग्नक शामिल हैं।

यह रिपोर्ट संसद में वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत करने के बाद सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध करायी जायेगी।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित