वलसाड़ , नवंबर 28 -- गुजरात में वलसाड जिले के धरमपुर के श्रीमद राजचंद्र आश्रम में चल रहे राज्य सरकार के 12वें 'चिंतन शिविर-2025' के दूसरे दिन शुक्रवार को केन्द्रीय कैबिनेट सचिव टी.वी. सोमनाथन ने भारत के आर्थिक विकास और सरकार की सुशासन रणनीतियों पर मार्गदर्शन दिया।

श्री सोमनाथन ने कहा कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच समन्वय राष्ट्र के विकास और लोक प्रशासन को आसान, सुगम और जन-केंद्रित बनाताहै। एक ओर जहां जनप्रतिनिधि जनता की इच्छाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं, तो दूसरी ओर अधिकारी नियमों और प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित करते हैं।

उन्होंने कहा कि देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ाने के लक्ष्य के साथ केंद्र सरकार आर्थिक विकास, उद्योगों को बढ़ावा देने की नीति, अनुकूल कारोबारी माहौल और सुशासन की दिशा में और अधिक सक्रिय कदम उठा रही है। अक्सर उद्योगपतियों और स्टार्टअप उद्यमियों को टैक्स विभाग की ओर से अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ता है, इसे दूर करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के स्तर पर इस परिस्थिति में सुधार के लिए नीतिगत प्रयास किये जा रहे हैं।

श्री सोमनाथन ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत, विकास योग्य नीतियों, उत्तम शासन व्यवस्था और चुने हुए अंग (विधायिका) और प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय के जरिए 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य निश्चित ही हासिल कर लेगा। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार मजबूत स्थिति में है, महंगाई नियंत्रण में है, रोजगार सृजन में वृद्धि हो रही है और राजकोषीय स्थिति स्थिर है, जो सर्वांगीण विकास के लिए एक शुभ संकेत है। पिछले 10-12 वर्षों में करोड़ों लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं। यह नागरिक कल्याण पर आधारित नीतियों, वित्तीय प्रबंधन और पीएम आवास जैसे किफायती घर, स्वच्छता अभियान और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का परिणाम है।

उन्होंने कहा कि देश में अनेक आईआईटी, आईआईएम, मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना ने नौजवानों के लिए रोजगार और स्टार्टअप इकोसिस्टम स्थापित करने के अपार अवसर पैदा किये हैं, जो आगामी दशकों के लिए विकास की मजबूत नींव साबित होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री सहित सभी अधिकारियों को इस आयोजन के लिए बधाई देते हुए गुजरात सरकार की चिंतन शिविर की पहल को अनुकरणीय बताया और कहा कि इस शिविर में मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत किये गये विचार और मार्गदर्शन देश में नीति-निर्माण और प्रशासनिक सुधारों के लिए दिशादर्शक साबित होंगे।

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