श्रीनगर , अक्टूबर 01 -- प्रसिद्ध जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे. अंगमो ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और लद्दाख के उपराज्यपाल को पत्र लिखकर अपने पति की तत्काल रिहाई की मांग की है।
तीन पृष्ठों के ज्ञापन में सुश्री अंगमो ने कहा कि वांगचुक हमेशा भारत की एकता और लोकतांत्रिक तरीकों से सीमाओं को मजबूत करने के पक्षधर रहे हैं, जिसमें राज्य का दर्जा या विधायिका और छठी अनुसूची के तहत केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा शामिल है। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत उनकी हिरासत पर सवाल उठाते हुए इसे लोकतंत्र और लद्दाख की नाजुक पारिस्थितिकी, दोनों के लिए एक झटका बताया।
उन्होंने कहा, "क्या लद्दाख जैसे नाजुक पारिस्थितिकी क्षेत्र में लोगों के हितों की रक्षा करना और बेतहाशा और अनियंत्रित विकास गतिविधियों के खिलाफ लड़ना पाप है? इस देश ने हाल ही में उत्तराखंड, हिमाचल और पूर्वोत्तर के अनुभवों से सबक सीखा है।"हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स लद्दाख (एचआईएएल) की संस्थापक और सीईओ अंगमो ने कहा कि उन्हें 26 सितंबर को एक पुलिस अधिकारी ने सूचित किया कि उनके पति को एनएसए की धारा 3(2) के तहत हिरासत में लिया गया है और उन्हें राजस्थान के जोधपुर स्थित सेंट्रल जेल में स्थानांतरित किया जाएगा। उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उनके पहुँचने पर वह उनसे बात कर पाएँगी, लेकिन उनका दावा है कि कई दिनों बाद भी ऐसा कोई कॉल नहीं आया है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित