भरतपुर , नवम्बर 13 -- राजस्थान में धौलपुर के सैंपऊ पंचायत समिति में गुरुवार को कार्यवाहक प्रधान के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव फ्लोर टेस्ट से पहले ही विफल हो गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार विपक्ष को चर्चा के लिए आवश्यक नौ सदस्यों का समर्थन नहीं मिल सका, जिसके कारण प्रस्ताव पर बहस नहीं हो पाई।

प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि बैठक में विपक्ष के केवल आठ सदस्य ही उपस्थित हुए जबकि चर्चा शुरू करने के लिए कम से कम नौ सदस्यों की आवश्यकता थी। बहुमत के अभाव में यह प्रस्ताव बिना किसी चर्चा के ही गिर गया।

अविश्वास प्रस्ताव विफल होने के बाद कार्यवाहक प्रधान दुष्यंत बघेल के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई।

उल्लेखनीय है कि पंचायत समिति के 23 सदस्यों ने 27 अक्टूबर को जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस सौंपा था। सीईओ ने इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 13 नवंबर को असंतुष्ट सदस्यों की बैठक बुलाई थो। गुरुवार पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे से पहले कार्यवाहक एसडीएम कर्मवीर सिंह और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ए.एन. सोमनाथ पंचायत समिति पहुंचे और तैयारियों का जायजा लिया।

दोपहर करीब 12 बजे विपक्ष के सदस्य बैठक में आने शुरू हुए। पांच महिला और तीन पुरुष सदस्यों सहित कुल आठ सदस्यों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। हालांकि, एक तिहाई बहुमत (नौ सदस्य) पूरा न होने के कारण प्रस्ताव बिना चर्चा के ही खारिज हो गया।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित