नैनीताल , नवंबर 07 -- उत्तराखंड के नैनीताल स्थित के सूखाताल झील के सौंन्दर्यीकरण के मामले में सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने कार्यदाई संस्था जिला विकास प्राधिकरण (डीडीए) से एक सप्ताह में प्रगति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।

नैनीताल निवासी जीपी साह की ओर से दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंदर और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि वर्ष 2022 में खंडपीठ ने सूखाताल झील के सौन्दर्यीकरण कार्य पर रोक लगा दी थी लेकिन जुलाई 2024 में अपने आदेश में संशोधन कर तीन महीने के अंदर सौन्दर्यीकरण कार्य पूरे करने के निर्देश दिए थे लेकिन आज तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है।

अंत में अदालत ने डीडीए को एक सप्ताह के अंदर प्रगति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।

दरअसल प्रदेश सरकार की ओर से लगभग 950.83 लाख की लागत से सूखाताल झील का सौंदर्यीकरण का कार्य कराया जा रहा है। सरकार की ओर से इस क्षेत्र को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जाने की योजना है।

याचिकाकर्ता ने मुख्य न्यायधीश को एक पत्र लिखकर कहा गया कि सूखाताल झील नैनीताल झील की रिचार्ज का प्रमुख स्रोत है। सरकार यहां भारी-भरकम निर्माण कार्य करवा रही है। पत्र में झील के प्राकृतिक जल स्रोत बन्द होने के साथ ही कई अन्य बिंदुओं से अवगत कराया गया था ।

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