नयी दिल्ली , दिसंबर 19 -- उच्चतम न्यायालय के शीतकालीन अवकाश से ठीक पहले आखिरी कार्य दिवस पर शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा कि बेहद जरूरी मामलों की सुनवाई के लिए न्यायालय 22 दिसंबर को विशेष अवकाशकालीन बैठक आयोजित करेगा।

मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि मामलों की तात्कालिकता के दावों की कड़ी जांच के बाद ही केवल वास्तविक रूप से महत्वपूर्ण विषयों को सुनवाई के लिए लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 22 दिसंबर को एक या अधिक पीठ बैठने का निर्णय उन मामलों की संख्या पर निर्भर करेगा जिनमें वास्तविक और तत्काल सुनवाई की आवश्यकता पाई जाएगी। न्यायालय में नियमित कामकाज 5 जनवरी, 2026 से दोबारा शुरू होगा।

शीघ्र सुनवाई की मांग कर रहे वकीलों के मौखिक उल्लेख के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने साफ किया कि न्यायाधीशों पर पहले से ही कार्य के भारी बोझ को देखते हुए शुक्रवार को कोई नया मामला सूचीबद्ध नहीं किया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस सप्ताह बड़े पैमाने पर याचिकाएं दायर की गई हैं और न्यायाधीशों ने पूरी रात संक्षिप्त विवरण पढ़ने में बिताई है, इसलिए वे आज उन्हें कोई नया मामला पढ़ने के लिए नहीं कहेंगे।

जब एक वकील ने तत्काल सूचीबद्ध करने पर जोर दिया, तो मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि क्या वे सोमवार को बहस करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने बार से कहा कि जहां भी तत्काल सुनवाई की बात होगी, वहां वास्तविकता का पता लगाकर सोमवार को सूचीबद्ध किया जाएगा, लेकिन शर्त यही है कि वकील को उस दिन बहस करनी होगी।

बाल अभिरक्षा विवाद, जमानत याचिकाओं और गिरफ्तारी से सुरक्षा के अनुरोधों से संबंधित उल्लेखों पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि रजिस्ट्री पहले यह आकलन करेगी कि क्या वास्तव में कोई तात्कालिकता है। उन्होंने कहा कि यदि अंतरिम जमानत या हिरासत या संरक्षण जैसे वास्तविक मुद्दे पाए जाते हैं, तो मामले को 22 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।

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