नयी दिल्ली , अक्टूबर 10 -- उच्चतम न्यायालय ने दिवाली के दौरान दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में हरित पटाखों की बिक्री और पटाखे फोड़ने संबंधी याचिका पर शुक्रवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया, लेकिन संकेत दिया कि वह इस त्योहार पर निश्चित समयावधि के लिए उसकी अनुमति दे सकता है।
मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा कि दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र(एनसीआर) में पटाखे चलाने पर पूर्ण प्रतिबंध "न तो व्यावहारिक है और न ही आदर्श" क्योंकि ऐसे प्रतिबंधों का अक्सर उल्लंघन होता है।
पीठ ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 'हरित' पटाखों के निर्माण और बिक्री की अनुमति मांगने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई के बाद कहा कि वह हरित पटाखों पर प्रतिबंध पर लगी रोक पर पुनर्विचार कर सकती है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या पर सुबह 8 बजे से रात 8 बजे के बीच - रात 11.45 बजे से 12.30 बजे के बीच और गुरुपर्व पर एक घंटे तथा अन्य अवसरों पर भी हरित पटाखे जलाने की अनुमति देने का आग्रह किया। उन्होंने इसके अलावा अदालत से अनुरोध किया कि दिवाली और अन्य त्योहारों के दौरान पटाखे फोड़ने के समय में ढील दी जाए।
श्री मेहता ने कहा,"हमारे बच्चों को कम से कम दो दिन धूमधाम से दिवाली मनाने दें।" उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली विभिन्न समुदायों के लोगों का निवासस्थान है, जो दिन के अलग-अलग समय पर दिवाली मनाते हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता जे साई दीपक ने अदालत से एक आदेश पारित करने और सुबह के दो घंटे भी इसमें शामिल करने की अनुमति देने का अनुरोध किया।
शीर्ष अदालत ने 26 सितंबर को दिल्ली में हरित पटाखों के निर्माण की अनुमति इस शर्त पर दी थी कि बढ़ते प्रदूषण स्तर और बिगड़ती पर्यावरणीय स्थिति को देखते हुए, दिल्ली-एनसीआर में इनकी बिक्री नहीं की जाएगी।
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