लखनऊ , अक्टूबर 27 -- उत्तर प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2025-26 में सुगम्य भारत अभियान के दूसरे चरण के तहत राजधानी लखनऊ के पांच प्रमुख सरकारी भवनों को दिव्यांगजन हितैषी बनाने की रूपरेखा तैयार कर ली गई है।

इसके लिए बकायदा 12 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि पर स्वीकृत कर ली गई है। यह न केवल दिव्यांगों के लिए सरकारी भवनों में सुगम आवागमन सुनिश्चित करेगी, बल्कि सरकारी कार्यालयों को सभी के लिए सुलभ बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण है।

अधिकृत सूत्रों ने सोमवार को बताया कि योगी सरकार सुगम्य भारत अभियान के तहत सार्वजनिक स्थलों को दिव्यांगजनों के लिए पूर्णतः सुलभ बना रही है। सरकार ने इसे प्रदेश स्तर पर जोर-शोर से लागू किया है। भवनों का चिन्हित किया जा रहा है। इसके दूसरे चरण में लखनऊ के पांच भवनों को चिन्हित किया गया है। इसमें योजना भवन (हैवलॉक रोड), सिंचाई भवन (कैनाल कालोनी, कैन्ट रोड), जिला सेवायोजन कार्यालय (लालबाग), विकास अनुवेषण, मूल्यांकन एवं प्रयोग तथा प्रशिक्षण प्रभाग (कालाकांकर हाउस, पुराना हैदराबाद) और सूडा नवचेतना केंद्र (10 अशोक मार्ग) शामिल हैं।

इन भवनों में रैंप, लिफ्ट, ब्रेल साइनेज, व्हीलचेयर फ्रेंडली सैनिटरी यूनिट्स और विशेष पार्किंग जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। कार्य एक्सेस ऑडिट रिपोर्ट के अनुरूप होंगे, जिसमें लिफ्ट कार का आकार व्हीलचेयर सहित दो व्यक्तियों के लिए पर्याप्त रखा जाएगा, ताकि दिव्यांगजन सहजता से आ-जा सकें। दृष्टिबाधितों के लिए ब्रेल लिपि का व्यापक उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा, जबकि श्रवणबाधितों के लिए साइन लैंग्वेज सपोर्ट और विशेष अलार्म सिस्टम लगाए जाएंगे। दिव्यांगों के सम्मानजनक जीवन को बढ़ावा देने वाली नीतिगत प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

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