नयी दिल्ली , दिसंबर 27 -- सीमा शुल्क विभाग के दिल्ली जोन ने कहा है कि निर्यात-आयात कारोबार में लगे समुदाय के साथ विश्वास, प्रणाली की दक्षता और साझा उत्तरदायित्व की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए वह सरकारी एजेंसियों और हितधारकों के बीच मजबूत सहयोग चाहता है।

वित्त मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि दिल्ली सीमा शुल्क विभाग द्वारा इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे पर दिल्ली जोन के मुख्य सीमा शुल्क आयुक्त की अध्यक्षता में सीमा शुल्क मंजूरी सुविधा समिति (सीसीएफसी) की बैठक में विभाग के अधिकारियों ने व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने और कानून के दायरे में व्यापार सुविधा को आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

बैठक कहा गया कि क्षेत्र का मार्गदर्शक सिद्धांत पारदर्शिता, सुलभता और दक्षता के सिद्धांतों पर आधारित है। ये मूल्य न केवल सीमा शुल्क के कामकाज के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि विश्वास निर्माण और यह सुनिश्चित करने का आधार हैं। विश्वास के आधार पर ही हितधारक प्रशासन के साथ खुलकर संवाद करने में सक्षम महसूस कर सकते हैं।

भविष्य की योजनाओं को ध्यान में रखते हुए, दिल्ली सीमा शुल्क क्षेत्र ने इस बात पर ज़ोर दिया कि व्यापार में सुगमता एक निरंतर प्रक्रिया है जिसके लिए सीमा शुल्क विभाग, सहयोगी एजेंसियों, संरक्षकों और व्यापारिक समुदाय के बीच निरंतर सहयोग आवश्यक है।

विज्ञप्ति के मुताबिक निर्णय में पारदर्शिता, प्रक्रियाओं में सुगमता और संवाद एवं समस्या-समाधान के लिए खुली नीति को अपनाकर, दिल्ली सीमा शुल्क विभाग विश्वास, दक्षता और साझा उत्तरदायित्व की संस्कृति को बढ़ावा देना चाहता है।

यह बैठक आयात और आयात कारोबार में सुगमता और भरोसा बनाये रखने और बढ़ाने की दिशा में एक प्रयास है। इस बैठक में एफएसएसएआई, प्लांट क्वारंटाइन और ड्रग कंट्रोलर सहित सहयोगी सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ कस्टम्स ब्रोकर, एसोचैम और जीजेईपीसी जैसे व्यापार संघों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। सीमा शुल्क मंजूरी प्रणाली में शामिल हितधारकों की व्यापक विविधता को दर्शाते हुए, इसमें संरक्षक, आयातक, निर्यातक और विभागीय अधिकारी शामिल थे।

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