मुंबई , नवंबर 12 -- केंद्रीय जांच ब्यूरो ने निजी क्षेत्र के एक्सिस बैंक में कार्यरत बैंक मैनेजर को धोखाधड़ी के लिए खोले गये बैंक खातों के जरिये साइबर अपराध का संचालन करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
एजेंसी ने बुधवार को जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि बैंक मैनेजर नितेश राय को 11 नवंबर को हिरासत में लिया गया था। जांचकर्ताओं ने पाया कि उसने साइबर अपराधियों की अपराध की कमाई को स्थानांतिरत करने और छिपाने के लिए बैंक खाते खोलने में उनकी मदद की थी।
सीबीआई के सूत्रों के अनुसार राय ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए उन अपराधियों के बैंक खाता खोलने के आवेदनपत्रों को स्वीकार और संसाधित कर लिया था, जो संगठित साइबर अपराध नेटवर्क में सक्रिय थे। इसके बदले में राय ने मानक सत्यापन प्रक्रियाओं की अनदेखी करते हुए कथित रूप से रिश्वत और अन्य तरीके से गैरकानूनी भुगतान लिया था।
ये खाते बाद में देशभर में जनता के साथ डिजिटल अरेस्ट घोटाले और साइबर धोखाधड़ी करने के काम में इस्तेमाल किए गए और इन गैरकानूनी गतिविधियों से जुड़े अवैध वित्तीय लेन-देन के लिए इनका इस्तेमाल किया गया था।
आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। गिरफ्तार बैंक अधिकारी को मुंबई की एक अदालत में पेश किया गया, जिसने उसे विस्तृत पूछताछ के लिए सीबीआई हिरासत में भेज दिया है।
सीबीआई ने दो अन्य आरोपियों की भी पहचान की है, जिन्हें साइबर अपराधी बताया जा रहा है और जिन्होंने कथित तौर पर ऐसे खाते खोलने के बदले में बैंक मैंनेजर राय को रिश्वत दी थी। दोनों संदिग्धों को एजेंसी ने पहले डिजिटल अरेस्ट साइबर अपराध रैकेट की अलग-अलग जांच के दौरान हिरासत में लिया था, जहां उन्होंने पाया कि दोनों धोखेबाज कानून प्रवर्तन अधिकारियों बनकर पीड़ितों से जबरन ऑनलाइन वसूली करते थे।
प्रारंभिक निष्कर्षों से यह पता चलता है कि दोनों संदिग्ध एक ऐसे संगठित आपराधिक नेटवर्क का हिस्सा थे, जो धोखाधड़ी से प्राप्त धन को छिपाने के लिए बैंकिंग प्रणाली का गलत इस्तेमाल कर रहे थे। इन गैरकानूनी गतिविधियों में धन के मूल स्रोत को छिपाने और नियामक एजेंसियों से बचने के लिए कई ऐसे खातों के माध्यम से लेनदेन करना शामिल था।
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