चेन्नई , अक्टूबर 14 -- केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में कई जगहों पर समन्वित छापेमारी की और इस सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया।
सीबीआई की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि गृह मंत्रालय के आई4सी द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर यह मामला दर्ज किया है।
इस मामले में देश भर के हज़ारों नागरिकों से कथित तौर पर भ्रामक ऑनलाइन योजनाओं के ज़रिए करोड़ों रुपये की ठगी की गई।
विज्ञप्ति के अनुसार भारतीय और विदेशी नागरिकों से बना यह धोखाधड़ी वाला नेटवर्क, ऑनलाइन निवेश और अंशकालिक नौकरी के अवसरों से ज़्यादा रिटर्न का झूठा वादा करके पीड़ितों को लुभाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म, मोबाइल ऐप्लिकेशन और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सेवाओं का इस्तेमाल करता था।
जांच से पता चला है कि आरोपियों और उनके सहयोगियों ने अपराध की आय को ठिकाने लगाने और उसे सफेद करने के लिए पूरे भारत में मुख्य रूप से बैंगलोर में शेल कंपनियों का एक जटिल नेटवर्क बनाया था तथा ई-कॉमर्स या फिनटेक परिचालन में अंशकालिक नौकरी की आड़ में कई अनजान व्यक्तियों को धोखे से इन कंपनियों में निदेशक नियुक्त किया गया था।
विज्ञप्ति के अनुसार आरोपियों ने टेलीग्राम, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों की भर्ती की और फर्जी प्रोफाइल और कंपनियां बनाने के लिए केवाईसी दस्तावेज एकत्र किए तथा जाली पहचान पत्रों और धोखाधड़ी से प्राप्त डिजिटल हस्ताक्षरों का उपयोग करके कई फर्जी कंपनियां बनाईं और पीड़ितों से धन एकत्र करने के लिए उनके नाम पर कई बैंक खाते खोले।
सीबीआई ने कहा कि आय का बड़ा हिस्सा क्रिप्टो करेंसी, सोने में परिवर्तित कर दिया गया था या गुप्त माध्यमों से विदेश भेज दिया गया था।
सीबीआई विदेशी नागरिकों सहित अन्य आरोपियों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने तथा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणालियों के माध्यम से अपराध की आय का पता लगाने और उसे जब्त करने के लिए आगे की सुरागों की तलाश जारी रखे हुए है।
यह मामला चल रहे "ऑपरेशन चक्र-5" का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सक्रिय अंतरराष्ट्रीय साइबर-सक्षम धोखाधड़ी नेटवर्क को ध्वस्त करना है।
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