नयी दिल्ली , अक्टूबर 22 -- आकस्मिक दिल के दौरे से तत्काल जीवन रक्षा के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 13 से 17 अक्टूबर तक चलाए गए विशेष जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत देशभर में 6,06,374 से अधिक प्रतिभागियों को कम्प्रेशन-ऑनली कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। स्वास्थ्य मंत्रालय के इस विशेष जागरूकता अभियान दौरान 7,47,000 से अधिक नागरिकों को भी जोड़ा गया।
मंत्रालय का उद्देश्य सीपीआर के बारे में लोगों की समझ और व्यावहारिक क्षमता को बढ़ाना है। इस पहल का उद्देश्य नागरिकों को हृदयाघात और अन्य चिकित्सा आपात स्थितियों के दौरान शीघ्र हस्तक्षेप के महत्व के बारे में जागरूक करना था।
सप्ताह भर चले इस जागरूकता अभियान का कारण सीपीआर की सिद्ध जीवन-रक्षक क्षमता के बावजूद भारत में बाईस्टैंडर सीपीआर की दरें वैश्विक मानकों से कम होना हैं। इसके पहल के माध्यम से मंत्रालय ने विविध जनसंख्या समूहों के बीच व्यापक सीपीआर प्रशिक्षण, जागरूकता और व्यवहारिक तैयारी को बढ़ावा देकर इस अंतर को कम करने का प्रयास किया।
सीपीआर जागरूकता सप्ताह का उद्देश्य एक महत्वपूर्ण जीवन रक्षक उपाय के रूप में सीपीआर के महत्व पर जन जागरूकता बढ़ाना, विभिन्न हितधारकों के माध्यम से व्यावहारिक प्रशिक्षण और प्रदर्शन प्रदान करना, स्वयंसेवा व सामुदायिक तैयारी में युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना तथा व्यापक सार्वजनिक पहुंच और सहभागिता प्राप्त करने के लिए डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग करना था।
इस पहल को देश भर के कई हितधारकों के समन्वित प्रयासों के माध्यम से लागू किया गया। राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभागों ने क्षेत्र-स्तरीय प्रशिक्षण और जागरूकता गतिविधियों के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गृह, रक्षा, श्रम और रोजगार, युवा मामले, खेल, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, उच्च शिक्षा, स्कूल शिक्षा और साक्षरता, रेलवे, स्वास्थ्य अनुसंधान और एनडीएमए जैसे केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभाग/संगठनों ने समाज के विभिन्न वर्गों तक विकेन्द्रीकृत पहुंच का विस्तार किया।
केंद्र सरकार के अस्पतालों, एम्स, राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों और मंत्रालय के तहत स्वायत्त संस्थानों ने सक्रिय रूप से प्रशिक्षण और जागरूकता सत्र आयोजित किए। भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी ने समुदाय-आधारित सीपीआर प्रशिक्षण के लिए अपने राज्य, केंद्र शासित प्रदेश और जिला उप-केंद्रों को लामबंद किया। पेशेवर निकायों ने भी अपनी राज इकाईयों के माध्यम से प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय केमाईजीओवी प्लेटफॉर्म और युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय के माईभारत प्लेटफॉर्म के माध्यम से डिजिटल पहुंच और युवा जुड़ाव को और मजबूत किया गया।
मंत्रालय ने व्यापक भागीदारी और जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए पूरे सप्ताह कई गतिविधियां जैसे ईसीएचओ प्लेटफ़ॉर्म और यू-टयूब लाइव के माध्यम से कुल 14,701 प्रतिभागी उद्घाटन लाइव प्रतिज्ञा और सीपीआर प्रदर्शन कार्यक्रम में शामिल हुए। नागरिकों को माईजीओवी प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से डिजिटल प्रतिज्ञा लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया, जिसमें 79,870 व्यक्तियों ने सीपीआर जागरूकता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का संकल्प लिया।
इसके अलावा राजधानी दिल्ली के एम्स, डॉ. आरएमएल अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल और एसजीटी मेडिकल कॉलेज के छह विशेषज्ञों ने "सीपीआर तकनीक और दर्शकों की भूमिका" पर एक पैनल चर्चा में भाग लिया। आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के उप महानिदेशक द्वारा संचालित इस सत्र में ईसीएचओ और यू-ट्यूब लाइव के माध्यम से 10,129 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों को सीपीआर और स्वचालित बाह्य डिफाइब्रिलेटर (एईडी) के उपयोग का लाइव प्रदर्शन भी दिखाया गया।
राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य विभागों, केन्द्र सरकार के अस्पतालों, एम्स, आईएनआई, भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी और पेशेवर निकायों द्वारा पूरे देश में कम्प्रेशन-ऑनली सीपीआर पर व्यापक भौतिक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए, जिनमें कुल 6,06,374 प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया गया।
निर्माण भवन में केंद्र सरकार के कर्मचारियों, सीआईएसएफ कर्मियों, हाउसकीपिंग स्टाफ और विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों के लिए सीपीआर प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए, जिनसे 264 प्रतिभागियों को लाभ हुआ। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के 70 अधिकारियों के लिए भी एक विशेष प्रशिक्षण सत्र 16 अक्टूबर को आयोजित किया गया।
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