नयी दिल्ली , अक्टूबर 13 -- केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा है कि कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) एक जीवनरक्षक और महत्वपूर्ण आपातकालीन प्रक्रिया है जो गंभीर हृदय संबंधी मामलों में जीवन रक्षा की संभावनाओं को बेहतर बनाती है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने यहां सीपीआर जागरूकता सप्ताह (13-17 अक्टूबर 2025) के उद्घाटन के अवसर पर सोमवार को कहा कि सीपीआर जागरूकता सप्ताह का उद्देश्य सीपीआर में प्रशिक्षण और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना है। उन्होंने सीपीआर से जीवन रक्षा की जनता की क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सीपीआर की सरल क्रिया, पेशेवर चिकित्सा मिलने तक महत्वपूर्ण अंगों तक रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन बनाए रख सकती है, जिससे जीवन की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।

श्रीमति श्रीवास्तव ने ज़ोर देकर कहा, " देश में अचानक होने वाली मौतों के प्रमुख कारणों में से एक हृदयाघात है, और लगभग 70 प्रतिशत ऐसे मामले वहां होते हैं, जहां अक्सर तत्काल चिकित्सा सहायता उपलब्ध नहीं होती। ऐसे नाजुक क्षणों में, किसी व्यक्ति द्वारा समय पर सीपीआर देने से जीवन की गुणवत्ता में काफ़ी सुधार हो सकता है।"श्रीमति श्रीवास्तव ने सीपीआर जागरूकता सप्ताह के तहत मंत्रालय के दृष्टिकोण पर ज़ोर देते हुए कहा कि इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर घर, स्कूल, कार्यालय और सार्वजनिक स्थान पर कम से कम एक व्यक्ति इस जीवनरक्षक तकनीक में प्रशिक्षित हो। उद्घाटन समारोह के एक भाग के रूप में, प्रतिभागियों ने सीपीआर जागरूकता को बढ़ावा देने और दूसरों को इस जीवनरक्षक तकनीक को सीखने के लिए प्रोत्साहित करने का संकल्प भी लिया। इस कार्यक्रम में चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा हाथों से सीपीआर का लाइव प्रदर्शन किया गया।

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