पटना , अक्टूबर 17 -- बिहार विधानसभा चुनाव प्रक्रिया में शुक्रवार को पहले चरण के नामांकन की आखिरी तिथि होने के बावजूद महागठबंधन के घटक दलों में सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान और असमंजस की स्थिति बनी हुई है, जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने अपनी अंतिम सूची जारी करने के बाद ज़ोरदार प्रचार अभियान भी शुरू कर दिया है।

बिहार में 06 नवंबर को होने वाले पहले चरण के चुनाव में 121 सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो गई है, लेकिन महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर बातचीत अभी भी अधूरी है, जबकि एनडीए में एकजुटता साफ़ दिखाई दे रही है।

महागठबंधन से कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी रही जिसने आधिकारिक तौर पर अपनी सूची जारी करते हुए 48 उम्मीदवारों की घोषणा की। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) जैसे अन्य सहयोगी दलों ने औपचारिक सूची जारी किए बिना आखिरी समय तक चुनाव चिन्हों का वितरण जारी रखा। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा आंतरिक विवादों को सुलझाने के प्रयासों के बावजूद महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर आखिरी समय तक खींचतान जारी रही।

जाले सीट को लेकर असमंजस उस समय पूरी तरह से विवाद में बदल गया, जब कांग्रेस ने शुरुआत में नौशाद को उम्मीदवार बनाया। यह वही व्यक्ति कहा जिसने प्रधानमंत्री की माँ के खिलाफ अपशब्द कहा था और उसके खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई की गई थी। इस मामले में जब विपक्षी दलों की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई तो पार्टी ने तुरंत उसकी उम्मीदवारी वापस ले ली और उनकी ऋषि मिश्रा को उम्मीदवार बनाया गया, जिन्होंने अपना नामांकन किया।

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