नैनीताल , नवंबर 21 -- भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) को आवंटित बजट में कथित रूप से अनियमितता का मामला अभी भी शांत नहीं हुआ है। इस मामले में मंगलवार को सुनवाई होगी।

यह मामला पुन: उच्च न्यायालय पहुंच गया है। इस मामले को सीएयू के पूर्व उपाध्यक्ष धीरज भंडारी और अन्य की ओर से पृथक-पृथक रूप से विशेष अपील के माध्यम से चुनौती दी गई है।

मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंदर की अगुवाई वाली खंडपीठ ने शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए इससे जुड़ी सभी याचिकाओं को अगली सुनवाई पर सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए हैं। खंडपीठ सभी याचिकाओं पर 25 नवम्बर को सुनवाई करेगी।

इससे पहले कोर्ट ने दायर याचिकाओं को पोषणीय (मेंटेनेबल) नहीं मानते हुए खारिज कर दिया था। साथ ही याचिकाकर्ताओं को सिविल कोर्ट जाने के निर्देश दे दिए थे।

याचिकाकर्ताओं की ओर से विशेष याचिकाओं के माध्यम से सीएयू में गड़बड़ियों, बीसीसीआई की ओर से जारी धन में कथित धांधली के साथ ही पूर्व उपाध्यक्ष धीरज भंडारी को गलत ढंग से हटाये जाने के मामले को चुनौती दी गई है।

आज सीएयू और बीसीसीआई की ओर से कहा गया कि आरोप बेबुनियाद हैं। याचिकाएं पोषणीय नहीं हैं। इसलिए ख़ारिज किया जाए। यह भी कहा गया कि लोकपाल को उपाध्यक्ष को हटाने का अधिकार है।

अपील में यह भी कहा गया कि स्वतंत्र आडिट रिपोर्ट में भी वित्तीय अनियमितताओं की पुष्टि हुई है। अब इन मामलों पर मंगलवार को सुनवाई होगी।

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