नयी दिल्ली , दिसंबर 14 -- दिल्ली में क्षेत्रीय निरीक्षणों के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की सड़कों के रखरखाव में बार-बार हो रही लापरवाही की आलोचना की। निरीक्षण में शहर के विभिन्न हिस्सों में धूल का उच्च स्तर, कचरे का जमा होना और कचरा जलाने की घटनाएं सामने आयी हैं।
सीएक्यूएम ने 12 दिसंबर को 'ऑपरेशन क्लीन एयर' के तहत अपनी फ्लाइंग स्क्वॉड और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) से 19 टीमों को तैनात किया, जो डीडीए के अधिकार क्षेत्र वाली सड़कों का निरीक्षण करने के लिए भेजी गयीं थीं।
इस दौरान शहर भर में 136 सड़क खंडों का निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण में जियो-टैग्ड और टाइम-स्टैम्प्ड फोटो लिये गये, जिन्हें एक संकलित रिपोर्ट के रूप में आयोग को सौंपा गया। निरीक्षण रिपोर्ट से पता चला है कि 15 सड़क खंडों पर धूल का स्तर बहुत अधिक था, 38 सड़कों पर मध्यम स्तर की धूल थी और 61 पर कम तीव्रता वाली धूल थी। सिर्फ 22 खंडों पर कोई दिखाई देने वाली धूल नहीं थी।
निरीक्षण में धूल की समस्या के साथ-साथ 55 सड़क खंडों पर नगरपालिका ठोस कचरा (एमएसडब्ल्यू) और 53 खंडों पर निर्माण एवं विध्वंस कचरा (सीएंडडी वेस्ट) जमा पाया गया। छह स्थानों पर एमएसडब्ल्यू या बायोमास जलाने के सबूत मिले।
आयोग के अनुसार ये रखरखाव में कमी को दर्शाते हैं और शहर में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) के स्तर पर इन घटनाओं का सीधा असर पड़ता है। आयोग ने डीडीए को सुधारात्मक कदम तेज करने और समय पर धूल नियंत्रण उपायों के साथ परिचालन दक्षता बढ़ाने का निर्देश दिया।
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