मैसूर , अक्टूबर 18 -- कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने भाजपा पर निशाना साधते हुए चित्तपुर में आरएसएस के जुलूस को अनुमति न दिए जाने पर उनकी चुनिंदा आलोचना पर सवाल उठाया है।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, "जब जगदीश शेट्टार ने ऐसा किया, तो कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं हुई? भाजपा विशुद्ध राजनीति करती है। उसके लोग गरीबों के लिए काम नहीं करते। वे केवल राजनीतिक चालबाजियों में लगे रहते हैं।"श्री सिद्दारमैया ने किसी भी संगठन को ऐसे आयोजनों के लिए पूर्व अनुमति लेने की बात करते हुए कहा कि शेट्टार के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान भी यही प्रक्रिया अपनाई गई थी।
कर्नाटक मंत्रिमंडल ने 16 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों, जिनमें सरकारी संपत्तियों और सड़कों पर आयोजित होने वाले जुलूस और कार्यक्रम शामिल हैं, को विनियमित करने के लिए नए नियम बनाने का फैसला किया है।
यह फैसला श्री प्रियांक खरगे द्वारा मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को लिखे गए एक पत्र के बाद आया है, जिसमें सार्वजनिक और सरकारी स्थानों पर आरएसएस और उसके सहयोगी संगठनों की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी।
गौरतलब है कि इस बीच रायचूर जिले के सिरवार तालुक के एक पंचायत विकास अधिकारी केपी प्रवीण कुमार को 12 अक्टूबर को लिंगसुगुर में आरएसएस के शताब्दी समारोह में उसकी वर्दी पहनकर और लाठी लेकर जाने के कारण निलंबित कर दिया गया है।इस निलंबन पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है। कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा ने इसे देशभक्ति की भावनाओं पर हमला बताया और कांग्रेस सरकार पर 'हिंदू विरोधी मानसिकता' का आरोप लगाया।
गौरतलब है कि यह विवाद तब उत्पन्न हुआ है जब राज्य सरकार ने सभी संगठनों के लिए सार्वजनिक स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित करने हेतु पूर्व अनुमति अनिवार्य कर दी है, जिसके बाद मंत्री खरगे ने आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया था।
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