लखनऊ , अक्टूबर 03 -- उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग मई और जून के बराबर या उससे भी अधिक बढ़ गई है। अधिकारियों की मानें तो अक्टूबर की शुरुआत होते ही उत्तर प्रदेश असामान्य रूप से उच्च तापमान से जूझ रहा है, जिससे बिजली की मांग गर्मियों के चरम स्तर के करीब पहुँच गई है।
अधिकारियों के अनुसार, राज्य में बिजली की मांग 30,000 मेगावाट के आसपास बनी हुई है, जो अक्सर मई और जून के उच्चतम स्तर के समान इस आंकड़े को पार कर जाती है। राज्य भार प्रेषण केंद्र (एसएलडीसी) के आंकड़ों से पता चलता है कि 22 सितंबर से अधिकतम बिजली की मांग लगातार 29,000 मेगावाट से ऊपर बनी हुई है, जो 25 सितंबर को 30,255 मेगावाट तक पहुँच गई। 29 सितंबर को रात 9:30 बजे मांग 30,004 मेगावाट तक पहुँच गई, जबकि 30 सितंबर को सुबह 8:50 बजे 29,290 मेगावाट थी।
उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के एक अधिकारी ने कहा कि भीषण गर्मी, मानसून की अचानक वापसी और कई जिलों में कम बारिश के कारण कृषि, विशेष रूप से नलकूपों के लिए बिजली की मांग बढ़ गई है। अधिकारी ने आगे कहा, "चिलचिलाती धूप और लगातार पड़ रही गर्मी राज्य की बिजली कंपनियों के लिए नई चुनौतियाँ पेश कर रही है।रिकॉर्ड मांग के बावजूद, बिजली की सभी ज़रूरतें बिना लोड शेडिंग के पूरी की जा रही हैं।
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