अमृतसर , नवंबर 01 -- श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार और तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार, ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज्ज ने नवंबर 1984 के सिख नरसंहार के सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि सिख समुदाय को 1984 में हुए जनसंहार के लिए अभी तक न्याय नहीं मिला है।

जत्थेदार गड़गज्ज ने शनिवार को कहा कि सिखों के जनसंहार के लिए ज़िम्मेदार ज़्यादातर लोगों को गिरफ़्तार नहीं किया गया है और कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आज भी आज़ाद हैं, जबकि पीड़ित परिवार न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जो खुद को लोकतांत्रिक कहने वाले राष्ट्र के माथे पर एक काला धब्बा है। उन्होंने कहा कि जब भारत में अल्पसंख्यकों, खासकर सिखों को न्याय दिलाने की बात आती है, तो सरकारी तंत्र अपने मानकों को बदल देता है और भेदभावपूर्ण रवैया अपनाता है।

जत्थेदार गड़गज्ज ने कहा कि सिखों को आज यह समझना होगा कि जब भी सिख नरसंहार का मुद्दा उठता है, तो कई प्रभावशाली ताकतें समुदाय के खिलाफ एकजुट हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि सरकारों और जांच एजेंसियों का यह कर्तव्य है कि वे आरोपियों, जिनमें कई कांग्रेसी नेता भी शामिल हैं, के खिलाफ ईमानदारी से जांच करें, लेकिन यह ज़िम्मेदारी कभी भी न्याय की सच्ची भावना से नहीं निभायी गयी। उन्होंने कहा कि सामूहिक सिख अंतरात्मा ऐसे सभी लोगों को आत्मा से दोषी मानती है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि जिन भी व्यक्तियों या कांग्रेसी नेताओं का नाम 1984 के सिख नरसंहार से जुड़ा है, उनका सिखों और सिख हस्तियों द्वारा सामाजिक और नैतिक रूप से बहिष्कार किया जाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि उनसे जुड़ना सिख समुदाय के गहरे ज़ख्मों पर नमक छिड़कने के समान होगा।

पंजाबी कलाकार दिलजीत दोसांझ द्वारा फिल्म अभिनेता एवं पूर्व कांग्रेस नेता अमिताभ बच्चन के पैर छूने को लेकर हुए हालिया विवाद का ज़िक्र करते हुए, जत्थेदार गड़गज्ज ने कहा कि हालांकि अमिताभ बच्चन ने श्री अकाल तख्त साहिब को एक पत्र भेजकर खुद को आरोपों से मुक्त करने की कोशिश की, लेकिन उनके खिलाफ प्रत्यक्षदर्शी श्री मंजीत सिंह सैनी की गवाही की सरकार या उसकी एजेंसियों द्वारा कभी जांच नहीं की गयी। इसलिए, सिख अंतरात्मा की नज़र में, अमिताभ बच्चन अभी भी निर्दोष हैं।

जत्थेदार गड़गज्ज ने कहा कि 1984 का सिख नरसंहार ऐसा कुछ है, जिसे सिख न तो भूल सकते हैं, न माफ़ कर सकते हैं और न ही बर्दाश्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इतिहास में सिखों ने कई घल्लूघारा (नरसंहार) झेले हैं, फिर भी उनका समुदाय चढ़दी कला (उत्साह) में बना हुआ है। आज, सिख समुदाय अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ, श्री गुरु नानक देव के दिव्य संदेश को दुनिया भर में फैला रहा है और ईमानदारी, समर्पण और बुद्धिमत्ता के माध्यम से सम्मान अर्जित कर रहा है। उन्होंने कहा कि जो शक्तियां सिख पहचान को मिटाना या सिखों को नष्ट करना चाहती हैं, वे भ्रम में हैं, क्योंकि सिखों को गुरु का दिव्य आशीर्वाद और संरक्षण प्राप्त है।

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