गंगटोक, सितंबर 25 -- सिक्किम सरकार 1 अक्टूबर, 2025 से उच्च ऊंचाई वाले डोका-ला और चो-ला दर्रे घरेलू पर्यटकों के लिए खोलने जा रही है। एक आधिकारिक बयान में सरकार ने इसकी पुष्टि की है। यह पहल राज्य सरकार के पर्यटन को बढ़ावा देने और सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थायी आजीविका उपलब्ध कराने की दिशा किये जा रहे प्रयासों का हिस्सा है।

केवल वैध मतदाता पहचान पत्र धारक भारतीय नागरिकों को इन सुंदर स्थलों की यात्रा करने की अनुमति होगी। पर्यटकों की संख्या को नियंत्रित करने और उचित निगरानी सुनिश्चित करने के लिए, पर्यटकों को पंजीकृत टूर ऑपरेटरों के माध्यम से पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा जारी परमिट प्राप्त करना होगा। परमिट शुल्क प्रति व्यक्ति 1,120 रुपये निर्धारित किया गया है, जिसमें वन्यजीव अभयारण्यों में प्रवेश और त्सोमगो पोखरी संरक्षण समिति के लिए योगदान शामिल है।

गृह विभाग से आधिकारिक परमिट लेने वाले पर्यटकों को शुल्क से छूट दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, परमिट केवल सिल्क रूट पर निर्दिष्ट स्थानों - कुपुप, गनाथांग, जुलुक और पदमचेन में एक रात के होम स्टे की पुष्टि के बाद ही जारी किए जाएंगे। चुनौतीपूर्ण इलाके के कारण, केवल 1,400 सीसी और उससे अधिक इंजन क्षमता वाले वाहनों को अनुमति दी जाएगी, और निजी वाहनों की अनुमति नहीं होगी। प्रत्येक दर्रे के लिए प्रतिदिन अधिकतम 25 पर्यटक वाहन और 25 बाइकर्स को अनुमति दी जाएगी। ट्रैवल ऑपरेटर दो दिवसीय पैकेज के लिए श्रेणी जेड वाहनों के लिए 12,000 रुपये और श्रेणी जे वाहनों के लिए 11,000 रुपये शुल्क लेंगे।

सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर सिक्किम पुलिस, सेना की 17 माउंटेन डिवीजन और पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारी सभी वाहनों की निगरानी करेंगे। कुपुप से डोका-ला और चो-ला डायवर्जन पॉइंट से चो-ला तक पर्यटकों के साथ पुलिस एस्कॉर्ट सुनिश्चित करेगी कि सुरक्षा और नियमों का पालन हो।

अप्रत्याशित मौसम की स्थिति के कारण पर्यटकों को अपनी यात्रा जल्दी शुरू करने की सलाह दी जाती है। भीड़ से बचने और पार्किंग सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रस्थान का समय अलग-अलग रखा जाएगा। त्सोमगो से चो-ला के लिए समूह सुबह 10 बजे और 11 बजे रवाना होंगे, जबकि कुपुप से डोका-ला के लिए प्रस्थान अगले दिन सुबह 9 बजे और 10 बजे निर्धारित किए गए हैं।

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