अगरतला , अक्टूबर 26 -- त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के सहयोग से 4.86 लाख ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से समृद्धि अभियान शुरू किया है।

यह अभियान त्रिपुरा ग्रामीण आजीविका मिशन (टीआरएलएम) की एक प्रमुख पहल है जो वित्तीय स्वतंत्रता बढ़ाने, ऋण तक पहुँच में सुधार और उद्यमिता को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

मुख्यमंत्री ने समावेशी विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने की दिशा में "लखपति दीदी" मिशन को आगे बढ़ाते हुए कहा कि समृद्धि अभियान का उद्देश्य समावेशी प्रगति के महत्वपूर्ण घटक के रूप में स्वयं सहायता समूहों को मज़बूत करना है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि महिलाओं को ऋण, नए रोज़गार के अवसर और उद्यमिता के अवसर निर्बाध रूप से उपलब्ध हों।

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में स्वयं सहायता समूह आंदोलन राज्य के भीतर महिला सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक हो गया है। इसमें 4.86 लाख से ज़्यादा ग्रामीण महिलाएँ शामिल हैं जो 54,170 स्वयं सहायता समूहों, 2,479 ग्राम संगठनों और 174 क्लस्टर-स्तरीय संघों (सीएलएफ) में संगठित हैं।

उन्होंने कहा कि टीआरएलएम के सहयोग से कई महिलाओं ने कृषि, पशुपालन और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों में सफलतापूर्वक छोटे उद्यम शुरू किए हैं। उन्होंंने आत्मनिर्भरता हासिल की है और दूसरों को भी इसी तरह की सफलता के लिए प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया है।

डॉ. साहा ने दावा किया कि 2018 से त्रिपुरा में स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने मिलकर कुल 1,773 करोड़ रुपये के ऋण प्राप्त किए हैं, जिनकी पुनर्भुगतान दर 98 प्रतिशत है।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित