लखनऊ, सितम्बर 26 -- इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सार्वजनिक जमीनों पर लोगों की मूर्तियां लगाने या फिर इन्हें हटाने के रोज आ रहे मामलों का स्वत: संज्ञान लेकर इसे जनहित याचिका के रूप में दर्ज करने का निर्देश दिया है।

न्यायालय ने सुल्तानपुर जिले के एक ऐसे ही मामले की सुनवाई के दौरान यह आदेश देकर मामले में राज्य सरकार समेत अन्य पक्षकारों को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।

न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश अमित वर्मा की जनहित याचिका पर दिया। याचिका में कहा गया कि सुलतानापुर जिले में एक सरकारी जमीन पर पूर्व विधायक इन्द्रभद्र सिंह की मूर्ति सरकारी जमीन पर लगा दी गई है। याचिका में उक्त मूर्ति को हटाने की मांग की गई है। हालांकि, कोर्ट ने मामले के याची को सुनवायी से अलग करते हुए, याचिका को 'सार्वजनिक भूमि पर मूर्ति आदि की स्थापना और उन्हें हटाना' शीर्षक से स्वतः संज्ञान याचिका दर्ज करने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने पीडब्ल्यूडी व जिलाधिकारी, सुलतानापुर से पूछा है कि क्या यह प्रतिमा सरकारी जमीन पर लगी है, यदि हां तो क्या सरकारी जमीन पर ऐसी प्रतिमाएं लगायी जा सकती हैं, यदि नहीं तो उसे हटाने के लिए क्या प्रक्रिया अपनायी जानी है।

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