नयी दिल्ली , अक्टूबर 10 -- संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 'सुशासन और अभिलेख 2025' प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए आज कहा कि सार्वजनिक अभिलेख सुशासन, पारदर्शिता और ऐतिहासिक निरंतरता की आधारशिला हैं।
श्री शेखावत ने अभिलेखागार के सुशासन माह के अंतर्गत यहां डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में प्रदर्शनी की शुरुआत की और कहा कि यह सुशासन और अभिलेखीय संरक्षण के बीच तालमेल की खोज के लिए समर्पित महत्वपूर्ण आयोजन है। प्रदर्शनी सबके लिए 12 अक्टूबर 2025 तक खुली रहेगी ।
उन्होंने सुशासन, पारदर्शिता और ऐतिहासिक निरंतरता की आधारशिला के रूप में सार्वजनिक अभिलेखों के संरक्षण के महत्व पर बल दिया और दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटलीकरण परियोजनाओं में से एक को लागू करने में राष्ट्रीय अभिलेखागार के प्रयासों की सराहना की। अभिलेखागार द्वारा अभी तक 15 करोड़ से अधिक पृष्ठों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है।
प्रदर्शनी में उन मंत्रालयों के योगदान को प्रदर्शित किया गया है जिन्होंने देश के प्रशासनिक ढाँचे और विकास पथ को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रदर्शनी में विद्युत मंत्रालय, रेल मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, संसदीय कार्य मंत्रालय आदि के अभिलेखीय अभिलेख भी शामिल थे।
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